Saturday, November 16, 2024
Homeराजनीति'2 सितंबर तक CBI की गिरफ्त में ही रहने दो' - क्यों पलटे चिदंबरम,...

‘2 सितंबर तक CBI की गिरफ्त में ही रहने दो’ – क्यों पलटे चिदंबरम, तिहाड़ जेल का क्या है इसमें कनेक्शन?

सॉलिसिटर तुषार मेहता ने उनके इन ऑफर का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने पूछा है कि SC इस मामले में क्यों दखल दे? ये तो स्पेशल कोर्ट को तय करना चाहिए कि किसे कब तक हिरासत में रखना है और कब...

कुछ दिन पहले तक सीबीआई की पकड़ से बचने के लिए तरह-तरह की युक्तियाँ जुगाड़ने वाले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक आप्रत्याशित आवेदन के जरिए 2 सितंबर तक खुद सीबीआई की गिरफ्त में रहने की इच्छा जताई है।

जानकारी के अनुसार आज शुक्रवार (30 अगस्त) को उनकी सीबीआई रिमांड में रहने की 8 दिन की अवधि खत्म हो गई है। जिसके बाद उनकी पेशी निचली अदालत में होनी है। कहा जा रहा है कि उन्हें पेशी के बाद सीबीआई रिमांड पर न भेजकर सीधे तिहाड़ में डाला जाएगा, जिससे बचने के लिए वह उपाय खोज रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चिदंबरम का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट सीबीआई रिमांड पर भेजने के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेती तब तक वह सीबीआई कस्टडी में ही रहना चाहते हैं। हालाँकि, उनकी इस बात पर सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें कहा है कि वह अपनी बात को निचली अदालत में रखें। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सॉलिसिटर तुषार मेहता ने उनके इन ऑफर का पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने पूछा है कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में क्यों दखल दे? ये तो स्पेशल कोर्ट को तय करना चाहिए कि किसे कब तक हिरासत में रखना है और कब न्यायिक हिरासत में भेजना है।

गौरतलब है कि सोमवार को यानी 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम को सीबीआई रिमांड में भेजने के लिए निचली अदालत के फैसले के ख़िलाफ़ डाली गई याचिका पर सुनवाई होनी है। जिसका पी चिदंबरम और उनके वकील इंतजार करने को कह रहे हैं। लेकिन आज सीबीआई रिमांड के लिए माँग बढ़ाने की बात करने वाले चिदंबरम और उनके वकील कपिल सिब्बल की ये माँग इसलिए सवालिए घेरे में है क्योंकि अभी कुछ दिन पहले सिब्बल कोर्ट में इस बात पर बिफर गए थे कि सीबीआई चिदंबरम की 5 दिन की कस्टडी क्यों बढ़वा रही है। उन्होंने इस दौरान कहा था कि उनके मुवक्किल को हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं हैं क्योंकि उनसे बार-बार एक ही सवाल पूछे जा रहे हैं। और ऐसा सिर्फ उन्हें नीचा दिखाने के लिए किया जा रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -