कुछ दिन पहले तक सीबीआई की पकड़ से बचने के लिए तरह-तरह की युक्तियाँ जुगाड़ने वाले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक आप्रत्याशित आवेदन के जरिए 2 सितंबर तक खुद सीबीआई की गिरफ्त में रहने की इच्छा जताई है।
जानकारी के अनुसार आज शुक्रवार (30 अगस्त) को उनकी सीबीआई रिमांड में रहने की 8 दिन की अवधि खत्म हो गई है। जिसके बाद उनकी पेशी निचली अदालत में होनी है। कहा जा रहा है कि उन्हें पेशी के बाद सीबीआई रिमांड पर न भेजकर सीधे तिहाड़ में डाला जाएगा, जिससे बचने के लिए वह उपाय खोज रहे हैं।
चिदंबरम जेल में नहीं, चाहते हैं सीबीआई की कस्टडी में रहना, गिरफ्तारी से ये महिला खुश @dir_ed @INCIndia @BJP4India @PMOIndia @HMOIndiahttps://t.co/i3Kwg1SBAv
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) August 29, 2019
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चिदंबरम का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट सीबीआई रिमांड पर भेजने के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेती तब तक वह सीबीआई कस्टडी में ही रहना चाहते हैं। हालाँकि, उनकी इस बात पर सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें कहा है कि वह अपनी बात को निचली अदालत में रखें। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सॉलिसिटर तुषार मेहता ने उनके इन ऑफर का पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने पूछा है कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में क्यों दखल दे? ये तो स्पेशल कोर्ट को तय करना चाहिए कि किसे कब तक हिरासत में रखना है और कब न्यायिक हिरासत में भेजना है।
अब खुद सीबीआई की कस्टडी में रहना चाहते हैं चिदंबरम, ये है वजह https://t.co/Bzdf7G0TNC via @aajtak
— संजीव यादव (@SanjeevYadav_IN) August 30, 2019
गौरतलब है कि सोमवार को यानी 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम को सीबीआई रिमांड में भेजने के लिए निचली अदालत के फैसले के ख़िलाफ़ डाली गई याचिका पर सुनवाई होनी है। जिसका पी चिदंबरम और उनके वकील इंतजार करने को कह रहे हैं। लेकिन आज सीबीआई रिमांड के लिए माँग बढ़ाने की बात करने वाले चिदंबरम और उनके वकील कपिल सिब्बल की ये माँग इसलिए सवालिए घेरे में है क्योंकि अभी कुछ दिन पहले सिब्बल कोर्ट में इस बात पर बिफर गए थे कि सीबीआई चिदंबरम की 5 दिन की कस्टडी क्यों बढ़वा रही है। उन्होंने इस दौरान कहा था कि उनके मुवक्किल को हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं हैं क्योंकि उनसे बार-बार एक ही सवाल पूछे जा रहे हैं। और ऐसा सिर्फ उन्हें नीचा दिखाने के लिए किया जा रहा है।