देश में कोरोना वायरस के गंभीर होते खतरे से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अधिकारियों और राज्यों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने शुक्रवार (23 अप्रैल 2021) एक हाई लेवल मीटिंग के लिए पश्चिम बंगाल की अपनी रैलियों को कैंसिल कर दिया है। वे बंगाल के मतदाताओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार को चार रैलियाँ करेंगी। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि बीते 3 महीने में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की एक भी बैठक में ममता ने शिरकत नहीं की है। मार्च और अप्रैल में हुई ऐसी बैठकों में शिरकत करने की बजाए उन्होंने चुनाव प्रचार को तवज्जो दी।
पीएम मोदी ने ट्विटर के माध्यम से यह सूचना दी कि Covid-19 की परिस्थितियों को रिव्यू करने के लिए बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने के कारण वो 23 अप्रैल को पश्चिम बंगाल नहीं जा पाएँगे, लेकिन वर्चुअल माध्यम से इन रैलियों को संबोधित करेंगे। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल भाजपा के कार्यकर्ता और मतदाता पीएम मोदी की रैली को लेकर उत्साहित थे। किन्तु अब पीएम मोदी रैली में शामिल होने के लिए बंगाल नहीं पहुँच पाएँगे।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को शाम 5 बजे मालदा, मुर्शिदाबाद, बीरभूम और कोलकाता के मतदाताओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे।
Tomorrow, will be chairing high-level meetings to review the prevailing COVID-19 situation. Due to that, I would not be going to West Bengal.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2021
Prime Minister Narendra Modi will address people of West Bengal through a virtual medium at 5 pm tomorrow
— ANI (@ANI) April 22, 2021
He was earlier scheduled to address 4 rallies across 4 districts and 56 assembly constituencies in the state#WestBengalPolls
इसके अलावा आज (22 अप्रैल) भी पीएम मोदी देश में बढ़ती ऑक्सीजन की माँग और उसके अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित करने लिए बुलाई गई एक बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में कैबिनेट और मुख्य सचिव समेत, विभिन्न मंत्रालयों, फार्मा क्षेत्र और नीति आयोग के सदस्य भी शामिल हुए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि देश में पिछले कुछ दिनों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन 3300 मीट्रिक टन प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ा है। यह वृद्धि निजी और सार्वजनिक स्टील प्लांट्स, उद्योग और ऑक्सीजन निर्माताओं के सहयोग के कारण संभव हो सका है। इसके अलावा गैर-जरूरी उद्योगों में ऑक्सीजन की सप्लाई रोकी गई है।
पीएम मोदी को बताया गया कि वर्तमान में 20 राज्यों की 6785 मीट्रिक टन प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की माँग के मुकाबले उन्हें केंद्र द्वारा 6822 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। बैठक में पीएम मोदी ने राज्यों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने ऑक्सीजन के सिलेंडरों, टैंकरों और दवाइयों के सुगम आवागमन के लिए रेलवे और भारतीय वायु सेना का उपयोग करने की बात भी की।
बैठक के बाद देश भर में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं;
- ऑक्सीजन लेकर जा रहे वाहनों के अंतरराज्यीय आवागमन पर किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई जाएगी।
- किसी एक राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश में स्थित ऑक्सीजन निर्माता अथवा सप्लायर पर अपनी आपूर्ति को उसी एक राज्य तक सीमित करने का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
- ऑक्सीजन की आपूर्ति से संबंधित किसी भी वाहन पर विभिन्न शहरों का कर्फ्यू अथवा लॉकडाउन से संबंधित कोई भी प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
- छूट प्राप्त उद्योगों के अतिरिक्त अन्य उद्योगों को ऑक्सीजन की सप्लाई सरकार के आगामी आदेश तक प्रतिबंधित होगी।
पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात चिंताजनक है। इससे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था दबाव बढ़ता जा रहा है। संक्रमण कि इन्हीं परिस्थितियों के चलते शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है जिसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे।