प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में विकास और किसानों की मदद के लिए आज विशेष अभियान की शुरूआत की। इस अभियान के तहत पीएम मोदी ने 100 किसान ड्रोन (Kisan Drone) का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भारत में ड्रोन स्टार्ट-अप की एक नई संस्कृति तैयार हो रही है। इनकी तादाद अभी 200 से अधिक है,जो आने वाले वक्त में हजारों में होगी और इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
In a special drive aimed at helping farmers, PM Narendra Modi yesterday flagged off 100 Kisan drones in different cities and towns of India to spray pesticides in farms across India. pic.twitter.com/5kFBgVGvF0
— ANI (@ANI) February 19, 2022
याद दिला दें इन किसान ड्रोन का उल्लेख पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने आम बजट पेश करते हुए किया था। इससे पूर्व साल 2021 में केंद्र सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए खेती-बाड़ी में ड्रोन के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। ये कदम सरकार ने एग्रीकल्चर क्षेत्र को हाईटेक बनाने के लिहाज से उठाया था। अब इसकी आधिकारिक शुरूआत हो गई है।
In a special drive aimed at helping farmers, PM Narendra Modi yesterday flagged off 100 Kisan drones in different cities and towns of India to spray pesticides in farms across India. pic.twitter.com/5kFBgVGvF0
— ANI (@ANI) February 19, 2022
किसान ड्रोन
किसान ड्रोन का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र को हाईटेक बनाने के लिए किया जा रहा है। इसके प्रयोग से किसान को मेहनत कम पड़ेगी और कम समय में कई काम हो पाएँगे। उदाहरण के लिए किसान ड्रोन का इस्तेमाल कीटनाशक, खाद के छिड़काव और फसलों की बुआई के लिए किया जाएगा। ये ड्रोन जमीन को स्कैन करने की क्षमता रखेंगे और सही मात्रा में जमीन पर कीटनाशक का छिड़काव कर पाएँगे। इसमें केमिकल की मात्रा कम होगी, जिससे पुराने तरीकों से छिड़काव की तुलना में काम 5 गुना तेजी से हो पाएगा।
क्रॉप मॉनिटरिंग में भी ये ड्रोन कारगर साबित होंगे। आमतौर पर जैसा कि जानते हैं कि अगर खेत बढ़े हुए हों तो निगरानी करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मौसम खराब होने पर तो ये और भी ज्यादा चुनौती भरा काम होता है। इस स्थिति में ड्रोन काफी मददगार होंगे, जो सटीकता से क्रॉप मॉनिटरिंग कर सकेंगे।
सिंचाई क्षेत्र में भी इसका इस्तेमाल होगा। हाइपर-स्पेक्ट्रल, मल्टीस्पेक्ट्रल या थर्मल सेंसर वाले ड्रोन ये पहचान कर पाएँगे कि खेत के कौन से हिस्से सूखे हैं। फिर ऐसे क्षेत्रों को बेहतर तकनीकों से सिंचित करने के उपाय किए जाएँगे। फसल की सेहत जानने के लिए भी ये ड्रोन काफी काम आएँगे। जैसे कभी कभी बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन से फसल खराब हो सकती है। ऐसे में ड्रोन का उपयोग कर फसल को विजिबल और इंफ्रारेड लाइट के जरिए स्कैन किया जा सकेगा।
टिड्डियों को रोकने के लिए किया गया था ड्रोन का इस्तेमाल
बता दें कि भारत में टिड्डियों के खतरे से निपटने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल खेती क्षेत्र में पहली दफा हुआ था। हालाँकि केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा इसके इस्तेमाल के लिए मानक संचानल प्रक्रिया यानी कि किसी काम को करने की एसओपी 2021 में जारी की गई थी। 2021 में ये एसओपी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फसल की सुरक्षा के लिए कीटनाशक के प्रयोग तथा मिट्टी एवं फसल के पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए की थी।