कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (18 जून 2021) को देश भर में कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए एक क्रैश कोर्स लॉन्च किया है। पीएम मोदी ने 26 राज्यों के 111 प्रशिक्षण केंद्रों में ट्रेनिंग कार्यक्रम का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम ने महामारी के दौरान सभी को एकजुट रहने का संदेश देते हुए कहा कि क्रैश कोर्स के जरिए 1 लाख वॉरियर्स को तैयार किया जाएगा।
भविष्य के इन फ्रंटलाइन वर्कर्स को शुभकामनाएँ देते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई की वे जल्द ही हेल्थकेयर वर्करों के सहयोग के लिए तैयार होंगे। यह क्रैश कोर्स प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के तहत देश भर में कराया जाएगा। इसकी लॉन्चिंग के मौके पर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में करीब एक लाख कोरोना वॉरियर्स को रेडी करने का महाअभियान शुरू हुआ है। हम सभी ने देखा कि यह वायरस किस तरह से बार-बार अपना रुप बदलकर नई चुनौतियाँ लेकर सामने आ रहा है। इसके अभी भी म्यूटेट होने की संभावना है।
2-3 महीने का होगा कोर्स
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण ने दुनिया के हर देश, संस्था, परिवार और हर इंसान के सामर्थ्य को परखा है। इसने विज्ञान, सरकार, समाज, संस्था के तौर पर हम सभी को अपनी क्षमताओं का विकास करने के लिए सचेत किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लाख वर्कर्स को तैयार करने का यह कोर्स 2-3 से तीन महीने का होगा।
फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलेगा स्टाइपेंड
फ्रंटलाइन वर्करों के इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत, उम्मीदवारों को निःशुल्क ट्रेनिंग, स्किल इंडिया का सर्टिफिकेट, खाने और रहने की सुविधा के साथ स्टाइपेंड भी मिलेगा। इसके अलावा रजिस्टर्ड उम्मीदवारों को 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा प्राप्त होगा। ये कर्मी सीएचसी, पीएचसी और हॉस्पिटल्स में काम कर सकेंगे।
ट्रेनिंग के लिए 276 करोड़ रुपए का आवंटन
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को मौजूदा और भविष्य के हालात को देखते हुए तैयार किया गया। इसका मुख्य मकसद नॉन मेडिकल हेल्थकेयर वर्कर्स के स्किल को डेवलप करना है। इसके लिए 276 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।