प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ANI को सवा घंटा से भी अधिक का इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि 2047, यानीदेश की आज़ादी के 100 साल जैसे मील के पत्थर लोगों में नया जोश भरते हैं, नए संकल्प होते हैं। उन्होंने इसके लिए लक्ष्य बनाने की बात की, गाँव के प्रधान से लेकर RBI तक। उन्होंने कहा कि 2024 चुनावी क्रम का हिस्सा हैं, लोकतंत्र में चुनाव को हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए बल्कि ये महापर्व है, इसे उत्सव के रूप में मनाना चाहिए।
पीएम मोदी ने इसकी तुलना स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स से की, जिसमें प्रतिस्पर्धा होती है। उन्होंने इसे लोकोत्सव बनाने की बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र संविधान की सीमाओं में नहीं बल्कि हमारी रगों में दौड़ना चाहिए और संस्कार में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले कार्यकाल में उन्हें विकास की गति और स्केल दोनों बढ़ानी है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले की राजनीतिक संस्कृति में परिवार को मजबूत बनाने और परिवार की जड़ों को कोई उखाड़ न दे इसमें शक्ति लगाईं गई, जबकि वो देश मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं जिसका फायदा सबको मिलता है।
ANI की संपादक स्मिता प्रकाश के सवालों का जवाब करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके पास तीसरे कार्यकाल के लिए बहुत सी योजनाएँ हैं, लेकिन उनके निर्णय किसी को डराने-दबाने के लिए नहीं बल्कि जन-कल्याण और सर्वांगीण विकास के लिए हैं। बकौल पीएम मोदी, बहुत कुछ अभी भी करना है। उन्होंने कहा कि अब तक जो हुआ वो ट्रेलर है, उन्हें बहुत अधिक अभी करना है। पीएम मोदी ने इस दौरान ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करते हुए कहा कि राज्यों में चुनाव होते रहते हैं और आचार संहिता लगती रहती है जिससे व्यवधान पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि वो चुनाव को छुट्टियों की तरह नहीं लेते हैं और अधिकारियों को 100 दिन की योजनाएँ बनाने के लिए कह दिया जाता है। उन्होंने बताया कि रिसर्च के आधार पर अधिकारियों की टीम बना कर प्रेजेंटेशन लिए गए, AI की मदद ली गई, अगले 25 वर्षों की योजनाएँ बन रही हैं। उन्होंने कहा कि ये उनका विजन नहीं है बल्कि 15-20 लाख लोगों के विचार इसमें समाहित हैं, ये देश का इनपुट है। इसे दस्तावेज के रूप में बनाया जा रहा है, जिसे राज्यों को भेज दिया जाएगा और राज्य इस पर काम करेंगे कि क्या हो सकता है क्या नहीं।
फिर ‘नीति आयोग’ की बैठक में मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा होगी। 25 साल को पीएम मोदी ने 3 हिस्सों में बाँटा है, जिसमें उनके अगले 5 वर्ष हैं और उसका एक हिस्सा उनके पहले 100 दिन हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 2019 में भी वो काम करके चुनाव मैदान में गए थे और जब वो वापस आए तो अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक से बहनों को मुक्ति, बैंकों का मर्जर – ये सब काम उन्होंने 100 दिन के अंदर कर दिए। बकौल पीएम मोदी, आज जो शब्दों का कमिटमेंट होना चाहिए, लगता है उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है – कोई कुछ भी बोल देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे अभी कुछ दिन पहले ही एक नेता ने कहा – मैं एक झटके में ग़रीबी खत्म कर दूँगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिनको 5-6 दशक तक देश में राज करने को मिला, वो जब आज ऐसा कहेंगे तो देश सोचेगा कि ये क्या बोल रहे हैं। बकौल पीएम मोदी, वो जो कमिटमेंट करते हैं, उसकी ऑनरशिप भी लेते हैं और जब ऑनरशिप लेते हैं तो देश को भरोसा होता है। पीएम मोदी ने कहा कि आज हम जो बात कहते हैं उस पर देश को भरोसा है।
उदाहरण के तौर पर उन्होंने गिनाया कि जब कहा गया कि जम्मू-कश्मीर से 370 हटाएँगे तो हटाया, ट्रिपल तलाक से बहनों को मुक्ति दिलाई। प्रधानमंत्री ने दोहराया – ये मोदी की गारंटी है। पीएम मोदी ने कहा कि जहाँ तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की बात है तो उन्हें न्योता मिला, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया, जबकि उन्हें गर्व होना चाहिए था। बकौल पीएम नरेंद्र मोदी, इससे स्पष्ट होता है कि उनके लिए वोट बैंक ही सबसे जरूरी है और ये किसी को नीचा दिखाना अपना अधिकार मानते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ANI की स्मिता प्रकाश से कहा, “ये तो नामदार हैं और मैं कामदार हूँ। लोकतंत्र में इतनी नफरत नहीं होनी चाहिए। हमारे लिए ये न राजनीति का विषय है, न कभी होना चाहिए और न कभी होगा। हमारे लिए ये आस्था का विषय है। मेरे पास बड़ी योजनाएँ हैं, किसी को डरने की जरूरत नहीं है। मेरे निर्णय किसी को डराने, दबाने के लिए नहीं हैं। मेरे निर्णय देश के सर्वांगीण विकास के लिए हैं। सवाल कॉन्ग्रेस से पूछना चाहिए कि आपकी क्या मजबूरी है। सनातन के खिलाफ इतना जहर उगलने वाले लोगों के साथ बैठना उनकी क्या मजबूरी है? कॉन्ग्रेस की मानसिकता में ये कौन सी विकृति है।”
तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि DMK का तो जन्म ही शायद इस नफरत के लिए हुआ होगा। उन्होंने कहा कि भारत को टुकड़ों में देखना, ये भारत के प्रति नासमझी का परिणाम है। पीएम मोदी ने पूछा कि अगर आप हिंदुस्तान में देखें प्रभु राम के नाम से जुड़े हुए गाँव सबसे ज्यादा कहाँ है? तो वह तमिलनाडु में है। अब आप इसको कैसे अलग कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि विविधता हमारी ताकत है, हमें इसको सेलिब्रेट करना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, “जो व्यक्ति UN में जाकर दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल भाषा का गुणगान करता है, उस व्यक्ति पर आप ऐसे आरोप कैसे लगा सकते हैं? विपक्ष की मुसीबत है कि वे देश को एक ही साँचे में ढालना चाहते हैं। हम विविधता की पूजा करते हैं, हम इसको सेलिब्रेट करते हैं।” बता दें कि भाजपा ने इस बार ‘400 पार’ का नारा दिया है। इससे पहले पीएम मोदी ने इस चुनाव से पहले अपना पहला इंटरव्यू तमिल चैनल ‘Thanthi TV’ को दिया था।