Saturday, November 16, 2024
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‘राम के अस्तित्व पर लगाए जाते थे प्रश्नचिह्न, 8 साल में देश ने हीनभावना की बेड़ियों को तोड़ा’: सरयू तट पर बोले PM मोदी – अयोध्या हमारी महान संस्कृति का प्रतिबिंब

उन्होंने याद दिलाया कि कैसे राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाए जाते थे। साथ ही कहा कि बीते 8 वर्षों में देश ने हीनभावना की इन बेड़ियों को तोड़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली की पूर्व संध्या पर रविवार (23 अक्टूबर, 2022) को अयोध्या में रामलला विराजमान के दर्शन किए, राम मंदिर के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक करने के साथ-साथ सरयू तट पर दीपोत्सव के भी साक्षी बने। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज अयोध्या जी, दीपों से दिव्य हैं, भावनाओं से भव्य हैं, आज अयोध्या नगरी, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है।

पीएम मोदी ने कहा, “हमने त्रेता की उस अयोध्या के दर्शन नहीं किए, लेकिन प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से आज हम अमृतकाल में अमर अयोध्या की अलौकिकता के साक्षी बन रहे हैं। हम उस सभ्यता और संस्कृति के वाहक हैं, पर्व और उत्सव जिनके जीवन का सहज-स्वाभाविक हिस्सा रहे हैं। दीपावली के दीपक हमारे लिए केवल एक वस्तु नहीं है। ये भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंच हैं। ‘जगत प्रकास्य प्रकासक रामू।’ – अर्थात, भगवान राम पूरे विश्व को प्रकाश देने वाले हैं। वो पूरे विश्व के लिए एक ज्योतिपुंज की तरह हैं।”

पीएम मोदी ने कहा कि मध्यकाल और आधुनिक काल तक भारत ने कितने अंधकार भरे युगों का सामना किया है, जिन झंझावातों में बड़ी-बड़ी सभ्यताओं के सूर्य अस्त हो गए, उनमें हमारे दीपक जलते रहे, प्रकाश देते रहे और फिर उन तूफानों को शांत कर उद्दीप्त हो उठे। उन्होंने याद दिलाया कि एक समय था, जब राम के बारे में, हमारी संस्कृति और सभ्यता के बारे में बात करने तक से बचा जाता था। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाए जाते थे। साथ ही कहा कि बीते 8 वर्षों में देश ने हीनभावना की इन बेड़ियों को तोड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में, जिन मूल्यों को गढ़ा, वो सबका साथ-सबका विकास की प्रेरणा हैं और सबका विश्वास-सबका प्रयास का आधार हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या भारत की महान सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब है। बकौल पीएम मोदी, राम अयोध्या के राजकुमार थे, लेकिन आराध्य वो पूरे देश के हैं। प्रधानमंत्री ने समझाया कि उनकी प्रेरणा, उनकी तप-तपस्या, उनका दिखाया मार्ग, हर देशवासी के लिए है और भगवान राम के आदर्शों पर चलना हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान राम, मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं। उन्होंने समझाते हुए कहा कि मर्यादा, मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी, और मर्यादा, जिस बोध की आग्रही होती है, वो बोध कर्तव्य ही है। पीएम ने कहा कि हमारे यहाँ जब भी समाज ने कुछ नया किया, हमने एक नया उत्सव रच दिया। उन्होंने कहा कि सत्य की हर विजय के, असत्य के हर अंत के, मानवीय संदेश को हमने जितनी मजबूती से जीवंत रखा, इसमें भारत का कोई सानी नहीं है। उन्होंने कहा कि दीप से दीपावली तक, यही भारत का दर्शन है, यही भारत का चिंतन है, यही भारत की चिरंतर संस्कृति है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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