कॉन्ग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन को चंद्रयान-2 की ‘असफलता’ के सबूत चाहिए। साथ ही वह विपक्ष से भी नाराज़ हैं, क्योंकि वह चंद्रयान-2 की नाकामी पर सरकार से सबूत की माँग नहीं कर रहा। 2014 में संभल और 2019 में लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ कर जमानत जब्त करा चुके प्रमोद कृष्णन इससे पहले भी विवादित बयान देते रहे हैं। अपने आप को संत बताने वाले प्रमोद कृष्णन ने ट्विटर पर लिखा:
“सर्जिकल ‘स्ट्राइक्स’ और बालाकोट हमले के ‘सबूत’ माँगने से हुए भयंकर नुक़सान की वजह से विपक्ष इतना ‘भयभीत’ है कि चंद्रयान-2 की ‘असफलता’ पर भी कोई ‘सवाल’ नहीं उठा रहा।”
सर्जिकल “स्ट्राइक्स”
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) September 8, 2019
और “बालाकोट” हमले के “सबूत” माँगने से हुए भयंकर नुक़सान की वजह से,विपक्ष इतना “भयभीत” है,कि चंद्रयान की “असफलता”
पर भी कोई “सवाल”
नहीं उठा रहा.
संभल स्थित कल्कि धाम के पीठाधीश्वर प्रमोद कृष्णन कॉन्ग्रेस की सभाओं में भी काफ़ी सक्रिय रहते हैं और यूपी में उन्हें पार्टी का आध्यात्मिक चेहरा माना जाता है। प्रमोद कृष्णन द्वारा यह कहना ग़लत है कि चंद्रयान-2 असफल हुआ, क्योंकि लैंडर विक्रम का चाँद की सतह पर उतरना इस मिशन का एक हिस्सा मात्र था, पूरा चन्द्रयान-2 मिशन की व्यापकता और उद्देश्य इससे कहीं बहुत बड़ा है।
इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 अपने लक्ष्य का 95% प्राप्त करने में सफल रहा है। पूरे देश ने वैज्ञानिकों का हौंसला बढ़ाते हुए उन्हें आगे के मिशन और प्रोजेक्ट्स के लिए शुभकामनाएँ दी। यहाँ तक कि कॉन्ग्रेस के कई नेताओं ने भी इसरो वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए बयान दिया। ऐसे में, प्रमोद कृष्णन का ऐसा बोलना ख़ुद उन्हीं की पार्टी लाइन से अलग है।
अगर ट्विटर पर भी फेसबुक की तरह हा हा रिएक्शन ओर लव इट ओर जूते वाला रिएक्शन हो तो इस ढोंगी के ट्वीट पर जूते वाले ज्यादातर रिएक्शन होंगे
— उमापंडित (@SharmajiUS) September 8, 2019
प्रमोद कृष्णन लोगों के बीच अपने उस वीडियो की वजह से भी जाने जाते हैं, जिसमें उन्होंने उदित नारायण के गाने ‘तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त’ को गाया था। मंच पर गायकों के साथ स्टेज साझा करते हुए उन्होंने झूमते हुए यह गाना गया था। आप भी उनकी इस परफॉरमेंस का आनंद उठा सकते हैं:
प्रमोद कृष्णन कॉन्ग्रेस के टिकट पर संभल और लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें दोनों बार बुरी हार का सामना करना पड़ा था। जब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी एक बड़े और महत्वपूर्ण मिशन को 95% सफल बता रही है, तब किसी नेता का इस तरह से बयान देना कहाँ तक उचित है? प्रमोद कृष्णन हमेशा साधु के वेश में रहते हैं और सफ़ेद वस्त्र पहनते हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्र उन्हें ‘ढोंगाचार्य’ कहते हैं।
वैसे, प्रमोद कृष्णन ने यह साफ़ नहीं किया कि उन्हें किस प्रकार का सबूत चाहिए? अभी इसरो अगले 14 दिनों तक लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेगा। अभी तक इसकी भी पुष्टि नहीं हुई है कि विक्रम ने क्रैश लैंडिंग की। ऐसे में प्रमोद कृष्णन सबूत के रूप में क्या चाहते हैं, यह सोचने लायक बात है।