Sunday, November 17, 2024
HomeराजनीतिPK को पंजाब के सीएम ने बनाया प्रिंसिपल एडवाइजर, नेटिजन्स बोले- वे जानते हैं,...

PK को पंजाब के सीएम ने बनाया प्रिंसिपल एडवाइजर, नेटिजन्स बोले- वे जानते हैं, बंगाल में दाल नहीं गलेगी

“प्रशांत बंगाल से भागे क्योंकि उन्हें दिख रहा है कि अब उनकी दाल बंगाल में नहीं गलेगी। इसलिए नया काम ढूँढ लिया। वैसे उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा 99 से ज्यादा सीट जीत गई तो वह जगह को छोड़ देंगे- क्या हुआ तेरा वादा।”

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज (मार्च 1, 2021) जानकारी दी कि प्रशांत किशोर उनके प्रिंसिपल एडवाइजर (प्रधान सलाहकार) होंगे। सीएम अमरिंदर ने ट्वीट कर कहा, “ये साझा करते हुए खुश हूँ कि प्रशांत किशोर मेरे साथ बतौर प्रिंसिपल एडवाइजर जुड़ रहे हैं। उम्मीद है पंजाब के लोगों की बेहतरी के लिए काम करेंगे।”

बता दें कि प्रशांत किशोर बंगाल विधानसभा चुनावों में TMC के चुनावी रणनीतिकार हैं। बीते दिनों उन्होंने दावा किया था, “मीडिया का एक वर्ग बीजेपी के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है, हकीकत यह है कि बीजेपी दहाई के आँकड़े के लिए संघर्ष कर रही है। अगर बीजेपी बंगाल में बेहतर प्रदर्शन करती है तो मैं इस जगह को छोड़ दूँगा।”

प्रशांत किशोर के पिछले दावों और कैप्टन अमरिंदर सिंह की घोषणा के बाद ये चर्चा सोशल मीडिया पर तेज हो गई है कि क्या प्रशांत किशोर बंगाल चुनाव में पराजय की आहट से डर गए हैं? शैशव मित्तल लिखते हैं, “प्रशांत बंगाल से भागे क्योंकि उन्हें दिख रहा है कि अब उनकी दाल बंगाल में नहीं गलेगी। इसलिए नया काम ढूँढ लिया। वैसे उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा 99 से ज्यादा सीट जीत गई तो वह जगह को छोड़ देंगे- क्या हुआ तेरा वादा।”

एक ट्वीट में कहा गया है कि प्रशांत किशोर सही खेल गए। उन्हें पता था कि बंगाल चुनाव के बाद उन्हें कहीं जॉब नहीं मिलेगी। ज्योतिष लिखते हैं कि इसे रणनीतिकार कहते हैं। अगर ये 2 मई तक का इंतजार करते तो शायद बिजनेस डील में नुकसान होता।

पिंटू यादव कहते हैं, “अब पंजाब की बारी है। ममता दीदी को डुबाने के बाद इन्होंने पंजाब का रुख किया है।” वहीं एक दूसरे अकाउंट से कहा गया है, “उन्होंने (प्रशांत ने) टीवी शो में कहा था कि बंगाल में अगर भाजपा 99 सीट लाई तो वह राजनीति छोड़ देंगे। उन्हें कम से कम कोई अन्य राजनीतिक जिम्मेदारी सँभालने से पहले 2 मई का इंतजार करना चाहिए। आखिर नैतिकता का सवाल है। “

गौरतलब है कि प्रशांत किशोर पहली बार कैप्टन अमरिंदर सिंह से नहीं जुड़े हैं। पंजाब के 2017 के विधानसभा चुनावों के समय भी उन्होंने कॉन्ग्रेसी की रणनीति तैयार करने में मदद की थी। उस समय अमरिंदर सिंह ने कहा भी था, “मैं बहुत बार कह चुका हूँ कि पीके और उनकी टीम के काम ने हमारी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -