आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक इतिहास है। पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज सुनवाई हो, जो हुई, और आज निर्णय आ चुका है। दुनिया मानती है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत है। फैसला आने के बाद हर समुदाय और पंत के लोगों ने जिस प्रकार से इस स्वीकार किया है ये अदभुत है। भारत की पहचान विविधता में एकता की रही है।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi: Supreme Court listened to all the sides during the hearings of this case with utmost patience & it is a matter of happiness for the entire country that the decision came with the consent of all. #AyodhyaJudgment pic.twitter.com/kWiiA0ZHSq
— ANI (@ANI) November 9, 2019
फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जो बातें कही वो इस प्रकार है:
- आइए, इस अहम और पवित्र पड़ाव पर हम संकल्प लें कि गुरु नानक जी के वचनों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे। हम समाज के भीतर सद्भाव पैदा करने के लिए हर कोशिश करेंगे।
- आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक इतिहास है।पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज़ सुनवाई हो, जो हुई, और आज निर्णय आ चुका है।
- फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने, पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है।
- भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना, बहुत धैर्य से सुना और सर्वसम्मति से फैसला दिया।
- सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है। और इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं।
- आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही, 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे ही है। आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है। नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है।
- सर्वोच्च अदालत का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी।
- अब समाज के नाते, हर भारतीय को अपने कर्तव्य, अपने दायित्व को प्राथमिकता देते हुए काम करना है। हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, हमारी शांति, देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
ग़ौरतलब है कि एक ऐतिहासिक फ़ैसले के तहत, CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 5-जजों की बेंच ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 2.77 एकड़ की पूरी राम जन्मभूमि साइट को सौंप दी। साथ ही, अदालत ने सरकार से कहा कि वह अयोध्या में सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के प्रतिनिधित्व वाले मुस्लिम पक्षकारों को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ ज़मीन प्रदान करे। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से 3 महीने के भीतर इसके लिए एक योजना तैयार करने को कहा है। सरकार को मंदिर निर्माण के लिए न्यास बोर्ड का गठन करना होगा।