Sunday, November 17, 2024
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स्किल, री-स्किल और उन्नति: विश्व युवा कौशल दिवस पर PM मोदी ने दिया प्रासंगिक बने रहने का संदेश

"चार-पाँच दिन पहले देश में श्रमिकों की स्किल मैपिंग का एक पोर्टल भी शुरू किया गया है। यह पोर्टल कुशल लोगों व कुशल श्रमिकों की मैपिंग करने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे एक क्लिक में ही स्किल्ड मैप वाले वर्कर्स तक एंप्लायर्स पहुँच सकेंगे। यही समझते हुए अब कौशल विकास मंत्रालय ने दुनिया भर में बन रहे इन अवसरों की मैपिंग शुरू की है।"

विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day, WYSD) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया और प्रासंगिक बने रहने पर हुनर के विकास पर जोर दिया। उल्लेखनीय है कि आज से पाँच साल पहले प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत ‘स्किल इंडिया मिशन’ के तहत की गई थी।

पीएम मोदी ने कहा कि COVID-19 ने नौकरियों की प्रकृति को बदल दिया है, और फिर नई तकनीक है, जिसने हमारे जीवन को भी प्रभावित किया है। हमारे युवाओं को नए कौशल अपनाने होंगे।

प्रासंगिक रहने का मन्त्र

उन्होंने कहा कि नए हुनर को सीखने का एक भी मौका नहीं गँवाना चाहिए। यही हुनर देश को आत्मनिर्भर बनाने में ताकत की तरह सहयोग करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में प्रासंगिक बने रहना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि लोग न केवल अपनी आजीविका कमा सकें, बल्कि दूसरों की भी मदद कर सकें। पीएम मोदी ने कहा – “प्रासंगिक बने रहने का मंत्र है: कौशल, पुन: कौशल और उन्नति।”

पीएम मोदी ने कहा कि कौशल वह चीज है जो आप सीखते हैं – जैसे लकड़ी के टुकड़े से कुर्सी का निर्माण। आपने कुछ मूल्यवर्धन करके लकड़ी के मूल्य में वृद्धि की, और प्रासंगिक बने रहने के लिए, आपको इसमें कुछ नया करते रहना होगा। लेकिन हमारे कौशल को और अधिक विस्तारित करना महत्वपूर्ण है। इसे अपस्किल के नाम से जाना जाता है।

स्किल मैपिंग पोर्टल की शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा, “चार-पाँच दिन पहले देश में श्रमिकों की स्किल मैपिंग का एक पोर्टल भी शुरू किया गया है। यह पोर्टल कुशल लोगों व कुशल श्रमिकों की मैपिंग करने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे एक क्लिक में ही स्किल्ड मैप वाले वर्कर्स तक एंप्लायर्स पहुँच सकेंगे। यही समझते हुए अब कौशल विकास मंत्रालय ने दुनिया भर में बन रहे इन अवसरों की मैपिंग शुरू की है। कोशिश यही है कि भारत के युवा को अन्य देशों की जरूरतों के बारे में, उसके संबंध में भी सही और सटीक जानकारी मिल सके।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलती हुई आज की दुनिया में अनेक सेक्टरों में लाखों कुशल लोगों की जरूरत है। विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं में तो बहुत बड़ी संभावनाएँ बन रही हैं। इसके लिए देशभर में सैकड़ों प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खोले गए। आईटीआई की संख्या बढ़ाई गई, उसमें लाखों नई सीटें जोड़ी गई। इस दौरान 5 करोड़ से ज्यादा लोगों का स्किल डेवलपमेंट किया जा चुका है। और यह अभियान निरंतर जारी है।

इस मौके पर स्किल्स और सफलता के बीच सम्बन्ध बताते हुए पीएम मोदी ने कहा – “एक सफल व्यक्ति की बहुत बड़ी निशानी होती है कि वो अपनी स्किल बढ़ाने का कोई भी मौका जाने ना दे। इतना ही नहीं, मौका ढूँढता रहे। स्किल के प्रति अगर आप में आकर्षण नहीं है, कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है। एक रुकावट सी महसूस होती है। एक प्रकार से वो व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को, अपनी पर्सनेलिटी को ही बोझ बना लेता है। और खुद के लिए नहीं, अपने स्वजनों के लिए भी बोझ बन जाता है। वहीं स्किल के प्रति आकर्षण, जीने की ताकत देता है, जीने का उत्साह देता है।”

पीएम मोदी ने कहा – “स्किल सिर्फ रोजी-रोटी और पैसे कमाने का जरिया नहीं है। जिंदगी में उमंग चाहिए, उत्साह चाहिए, जीने की जिद चाहिए, तो कौशल ही हमारे लिए प्रेरणा का काम करता है। हमारा स्किल ही हमें ऊर्जा देता है। और उम्र कोई भी हो, चाहे युवावस्था हो या बुजुर्ग, अगर आप नई-नई स्किल्स सीख रहे हैं, तो जीवन के प्रति उत्साह कभी कम नहीं होगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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