Saturday, November 16, 2024
Homeराजनीति60 साल में चीन ने हड़पी 43000 वर्ग Km जमीन, LAC से छेड़छाड़ बर्दाश्त...

60 साल में चीन ने हड़पी 43000 वर्ग Km जमीन, LAC से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं: दुष्प्रचार फैलाने वालों को PMO का जवाब

पीएम मोदी ने कहा था कि जिन्होंने भारतीय सरजमीं में घुसने की कोशिश की, उन्हें भारत माता के वीर सपूतों ने करारा जवाब दिया। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि हमारे जवान हमारी सीमाओं की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पीएमओ ने कहा है कि भारतीय क्षेत्र की क्या परिभाषा है, ये आधिकारिक नक़्शे से तय होता है। पिछले 60 साल में किस तरह से देश की 43,000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन के कब्जे में चली गई, इस बारे में भी सभी दलों को बताया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद पर सर्वदलीय बैठक बुला कर सभी पार्टियों की बातें सुनी और उसके बाद देश को आश्वस्त किया कि भारत की एक इंच ज़मीन पर भी चीन ने घुसपैठ नहीं किया है। इसके बाद से ही कॉन्ग्रेस सहित कई दलों के नेताओं और लिबरल गिरोह के पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी अपनी ही सरकार के स्टैंड को काट रहे हैं और सेना व सरकार में सामंजस्य नहीं है।

अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन चर्चाओं पर विराम लगाते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है और दुष्प्रचार फैलाने वालों को मुँहतोड़ जवाब दिया है। स्पष्टीकरण के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ़ कर दिया है कि ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल (LAC)’ के साथ छेड़छाड़ करने की किसी भी प्रकार की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बकौल पीएम मोदी, पहले इस तरह की छेड़छाड़ पर सरकारें इसे नज़रअंदाज़ कर देती थीं लेकिन अब सेना के जवाब ऐसा करने वालों को रोकते-टोकते हैं।

सभी पार्टियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से सूचित किया गया कि इस बार चीन ने सीमा पर एक बड़े सैन्य बल के साथ अपने इरादों को अंजाम देने आए थे लेकिन भारतीय सेना ने उसके अनुरूप ही उचित जवाब दिया। जहाँ तक 15 जून को गलवान में हुई हिंसा की बात है, वो चीनियों द्वारा LAC के पास कंस्ट्रक्शन करने से पैदा हुआ। रोकने के बावजूद वो अपने मंसूबों को आगे बढ़ाते रहे, जिसके बाद संघर्ष हुआ। पीएमओ के अनुसार:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक को सम्बोधित करते हुए जो बातें कही गईं, वो गलवान में 15 जून को हुई हिंसा के सम्बन्ध में थीं। प्रधानमंत्री ने वीरगति को प्राप्त उन 20 भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी वीरता और बलिदान को प्रणाम किया, जिन्होंने चीनियों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। 16 बिहार रेजिमेंट ने न सिर्फ़ चीनियों द्वारा सीमा पर कंस्ट्रक्शन करने के इरादे को नाकाम कर दिया बल्कि घुसपैठ की कोशिशों को भी विफल किया।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय की तरफ से जारी किया गया स्पष्टीकरण

पीएम मोदी ने कहा था कि जिन्होंने भारतीय सरजमीं में घुसने की कोशिश की, उन्हें भारत माता के वीर सपूतों ने करारा जवाब दिया। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि हमारे जवान हमारी सीमाओं की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पीएमओ ने कहा है कि भारतीय क्षेत्र की क्या परिभाषा है, ये आधिकारिक नक़्शे से तय होता है। पिछले 60 साल में किस तरह से देश की 43,000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन के कब्जे में चली गई, इस बारे में भी सभी दलों को बताया गया।

पीएमओ ने कहा कि ऐसे समय में जब हमारे जवान सीमा पर हमारी सुरक्षा करते हुए खड़े हैं, पीएम मोदी के बयान को लेकर इस तरह का दुष्प्रचार फैलाया जाना उनके आत्मविश्वास को डिगाने वाली दुर्भाग्यपूर्ण हरकत है। हालाँकि, कहा गया है कि सर्वदलीय बैठक में सरकार और सेना को सभी दलों का समर्थन मिला। सरकार LAC की स्थिति में किसी प्रकार का अपरिवर्तन नहीं होने देगी, इस सम्बन्ध में आश्वस्त किया गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -