साल 2022 में होने वाला उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव प्रियंका गाँधी वाड्रा के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। यह बात ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमेटी (AICC) के राष्ट्रीय सचिव और यूपी के प्रभारी राजेश तिवारी ने रायपुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।
तिवारी ने पत्रकारों से कहा कि यूपी विधानसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस पार्टी की ओर से प्रियंका ही मुख्यमंत्री पद की दावेदार होंगी। साथ ही तिवारी ने यह भी दावा किया है कि यूपी की ‘जनता’ के साथ कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी प्रियंका को राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। तिवारी ने बताया कि फिलहाल समाजवादी पार्टी या किसी अन्य राजनैतिक दल से गठबंधन की कोई बात नहीं चल रही है, ऐसे में कॉन्ग्रेस की योजना सभी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार तिवारी ने यह भी कहा कि यूपी में चुनाव प्रबंधन का ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ अपनाया जाएगा। हालाँकि, तिवारी ने यह स्वीकार किया कि यूपी में जमीनी स्तर पर कॉन्ग्रेस पार्टी की पकड़ कमजोर है, ऐसे में छत्तीसगढ़ मॉडल का उपयोग करके बूथ लेवल तक कॉन्ग्रेस को पहुँचाने का कार्य किया जाएगा। यही कारण है कि यूपी कॉन्ग्रेस के 100 से अधिक पदाधिकारी छत्तीसगढ़ में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इससे पहले प्रियंका गाँधी भी यूपी में जमीनी स्तर पर कॉन्ग्रेस की कमजोर उपस्थिति को स्वीकार कर चुकी हैं। कुछ दिन पहले ही प्रियंका ने कहा था कि कॉन्ग्रेस का लक्ष्य 2022 में भाजपा को हराना है और इसके लिए कॉन्ग्रेस हर तरह का राजनीतिक गठबंधन करने को तैयार है।
उधर सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी विधानसभा चुनावों में ‘अभूतपूर्व’ प्रदर्शन की उम्मीद लगाते हुए यह कहा है कि उनकी पार्टी 400 सीट जीत सकती है। सपा चुनावों के मद्देनजर साइकिल यात्रा का आयोजन कर रही है। इस साइकिल यात्रा से पहले पत्रकारों से चर्चा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि पहले उन्होंने अंदाजा लगाया था कि सपा 350 सीटें जीतेगी, लेकिन जिस तरह से जनता में नाराजगी है, उससे लगता है कि सपा 400 सीटें भी जीत सकती है। इस दौरान सपा का नया स्लोगन ‘यूपी जनादेश, आ रहे हैं अखिलेश’ जारी किया गया। अखिलेश ने यह भी दावा किया कि आज की स्थिति ऐसी है कि भाजपा के पास प्रत्याशी कम पड़ जाएंगे।
वैसे इन सभी पार्टियों के दावे के विपरीत, हाल ही में हुए एक सर्वे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद बताया गया था, जबकि कॉन्ग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गाँधी सबसे निचले पायदान पर रही थीं। सर्वे के अनुसार, प्रदेश के 43% लोग योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा देखना चाहते हैं, जबकि 14% लोगों ने प्रियंका गांधी के पक्ष में अपना समर्थन जाहिर किया। वहीं, राज्य के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती और सपा के अखिलेश यादव के पक्ष में क्रमशः 21% और 20% लोगों ने अपना वोट दिया।
हालाँकि, जिस कोरोना वायरस महामारी को लेकर सीएम आदित्यनाथ के प्रति जनता की नाराजगी की बात अखिलेश कर रहे हैं, सर्वे के अनुसार 73% लोग Covid-19 के दौरान योगी सरकार से संतुष्ट दिखाई दिए। सर्वे में शामिल 45% लोगों ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर से लड़ने में योगी आदित्यनाथ के प्रयास से वे ‘बहुत अधिक संतुष्ट’ हैं, जबकि 28% लोगों ने ‘कुछ हद तक संतुष्ट’ बताया।