पंजाब कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शुक्रवार (23 जुलाई 2021) को एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों के विरोध को बखूबी सँभाला। यदि कोई और मुख्यमंत्री होता तो किसानों के गुस्से का खामियाजा केंद्र सरकार की जगह पंजाब सरकार को भुगतना पड़ता। वे नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
जाखड़ ने कहा, “किसान प्रदर्शनकारी बीजेपी के घर में घुस आए, लेकिन बीजेपी उन्हें बाहर नहीं कर पा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरा पंजाब प्रदर्शनकारियों के साथ खड़ा है। अगर उस वक्त कोई और मुख्यमंत्री होता तो भाजपा के खिलाफ जो नारे लग रहे थे, वे हमारे खिलाफ लग रहे होते। उन्होंने (अमरिंदर सिंह ने) उन्हें बेहतरीन ढंग से संभाला और उन्हें वहाँ (दिल्ली बॉर्डर) भेज दिया।”
जुबां पर आ ही गई,असली साज़िश की दास्तां।@INCPunjab के पूर्व अध्यक्ष @sunilkjakhar का स्वीकारनामा।
— Vinod Mehta (@iamvinodmehta) July 23, 2021
अगर पंजाब के किसानों को अच्छी तरह चार्ज करके @capt_amarinder ने @BJP4India के खिलाफ दिल्ली न भेजा होता,तो किसानों का गुस्सा हमें झेलना पड़ता।हमारे सीएम की ये बड़ी उपलब्धि है| pic.twitter.com/NbsLklWAHq
सुनील जाखड़ ने कहा कि अगर स्थिति को ठीक ढंग से नहीं संभाला गया होता तो पंजाब सरकार को कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों का गुस्सा झेलना पड़ता। जाखड़ की इस इस टिप्पणी का लोग यही आशय निकाल रहे हैं कि कॉन्ग्रेस ने मान लिया है कि उसी ने किसानों को विरोध के लिए दिल्ली सीमा पर भेजा है। ध्यान देने वाली बात है कि किसानों का विरोधस्थल अपराध स्थल में तब्दील हो गया है। वहाँ से हमला करने से लेकर यौन उत्पीड़न और हत्या तक की खबरें आई हैं।
जाखड़ की जगह लाये गए सिद्धू का मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ मतभेद जगजाहिर है। इन मतभेदों के बीच ही उन्हें पंजाब में पार्टी की कमान दी गई है। सिद्धू और सिंह के बीच तकरार के बीच पार्टी में अंदरूनी कलह की खबरें लगातार आ रही हैं। हालाँकि आज समारोह में दोनों ने यह संदेश देने की कोशिश की कि अब वे साथ-साथ हैं। पर जानकारों का मानना है कि यह तूफान से पहले की खामोशी जैसा है और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब कॉन्ग्रेस में कलह और तेज होगी।