पंजाब के गोइंदवाल के रहने वाले कथावाचक भाई दविंदर सिंह (सोनू वीर जी) ने 30 अगस्त 2021 को उत्तर प्रदेश में खीरी, महिंगापुर स्थित गुरुद्वारा नानक पियाओ में उपदेश दिया। इस दौरान उन्होंने तालिबान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “कुछ गोरे लोग अफगानिस्तान में सेना लाए। उस समय तालिबान के 52 सिंह थे। अब आप पूछेंगे कि मैं उन्हें सिख क्यों कह रहा हूँ। मैं उन्हें सिख इसलिए कह रहा हूँ, क्योंकि अगर कोई इंसान मर्दानगी दिखाने वाले अपने हक के लिए लड़ रहा है, जो किसी का गुलाम बनने को राजी नहीं है? कौन हैं ये?”
There is no radic@lization in #Punjab ???
— 🇮🇳ਪੌਰਸ PORUS🇮🇳 (@PorusofPunjab) September 1, 2021
Really ???
Is he a ma_l_vi sitting right???
What more u gonna expect now ???
Why ur not opening the pigeon eyes??#Punjab_Un_heard pic.twitter.com/qKC61dpiWl
उन्होंने आगे कहा, “जब अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तो बुद्धिमान लोग जो अपने अधिकारों को बचाने के लिए लड़ रहे थे, संख्या में केवल 52 थे। यह हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे 11 साल के बच्चों की माँ अपने बच्चों के बाल कटवा रही हैं। यहाँ तक कि न केवल लड़के, बल्कि लड़कियाँ भी अपने बाल काट रही हैं। वहीं तालिबान ने अपने 11 साल के बच्चों के हाथ में लोडेड पिस्टल दे दी और जब बच्चों ने उनसे पूछा कि जब कोई उनके घर में घुसे तो वे क्या करें, उनके अम्मी-अब्बू ने उन्हें घुसपैठियों को गोली मारने के लिए कहा। उन्होंने 52 के समूह के साथ शुरुआत की और अब उन्होंने 75,000 पुरुषों के साथ 2,75,000 अमेरिकी सैनिकों को हराया। यह हथियारों की ताकत है।”
पंजाबी उपदेशक ने कहा कि यह सिखों का दुर्भाग्य है कि वे जीत का स्वागत फूलों से करते हैं। दूसरी ओर तालिबान ने अपने हथियार उठा लिए। उन्होंने कहा कि एक वीडियो लीक हो गया, जिसमें अफगान संसद में प्रवेश करने से पहले तालिब अपने हथियारों की पूजा करते नजर आए।
तालिबान का उदाहरण देते हुए दविंदर सिंह ने कहा कि सिख मोदी सरकार से गुजारिश कर रहे हैं कि उन्हें प्रताड़ित न किया जाए। सिख उपदेशक ने कहा, “लेकिन कब तक? मैं आपको पहले भी बता चुका हूँ कि अगर कोई कुत्ता पागल हो जाए तो उसे मारने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप कुत्ते को वोट की ताकत से मारते हैं या आंदोलन की ताकत से, लेकिन आपको कुत्ते को मारना है।”
दविंदर सिंह ने आगे कहा, “मेरे सिख भाइयों, अगर आप कुत्ते को नहीं मारेंगे, तो वह आपकी गर्दन पर अपना घुटना रख देगा। मैं आपको एक उदाहरण दे रहा हूँ। अडानी और अंबानी के बेटों को केवल आधा लीटर दूध चाहिए, लेकिन मोदी सरकार उन्हें 5 लीटर परोस रही है और किसी को कुछ नहीं दे रही है। यह उचित नहीं है। होना तो इसका उलटा चाहिए। आपको 5 लीटर मिलना चाहिए और जो कुछ बचा है उसे दे दें। अगर आप अपना हिस्सा लेना चाहते हैं, तो एक्शन लेना होगा। खालसा याद रखना बचा हुआ नहीं खाना है।”
भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
उपदेश के दौरान दविंदर सिंह ने भाजपा नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “अगर कोई बीजेपी का समर्थन करता है, तो उनसे 13 बीजेपी कार्यकर्ताओं के हाथों एक युवती के सामूहिक बलात्कार के बारे में पूछें, जिन्होंने न केवल उसके साथ बलात्कार किया, बल्कि उसके गुप्तांगों में रॉड भी डाल दी। उनसे पूछें कि वे ऐसे लोगों का समर्थन कैसे कर सकते हैं? अगर आप यह सवाल पूछेंगे तो वे पीछे हट जाएँगे।” इस बीच दविंदर सिंह ने किसान आंदोलन को जिंदा रखने की अपील अपने फॉलोवर्स से करते हुए किसी भी तरह से मोदी सरकार को सत्ता से हटाने का आग्रह किया।
गुरुद्वारों से फर्जी सूचनाएँ फैलाई जा रहीं
ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी गुरुद्वारे का इस्तेमाल सिख युवाओं को कट्टरपंथी बनाने या केंद्र सरकार या कृषि कानूनों के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए किया गया हो। इससे पहले दिसंबर 2020 में दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब के उपदेशक कथा वाचक बाबा बंता सिंह ने कृषि कानूनों के बारे में गलत सूचना फैलाई थी। उन्होंने कई ऐसे झूठे दावे किए थे, जो कि कानूनों के बिल्कुल उल्टे थे।