रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद कॉन्ग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती ने ट्विटर पर ऑपइंडिया को धमकी दी। अपने ट्वीट में प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि जिस बैठक की बात हो रही है उस ट्रिप पर वो राहुल गाँधी के साथ थे। उन्होंने राहुल गाँधी से जुड़ी खबर को झूठी बताया और कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंध पर फर्क पड़ सकता है जो कि राष्ट्रीय हित के खिलाफ है और एक तरह का केस चलाने लायक अपराध भी है। हालाँकि चक्रवर्ती ने धमकी देते हुए हमें यह नहीं बताया कि उन्हें ऑपइंडिया पर किस धारा के तहत कार्रवाई करनी है न ही उन्होंने हमें बताया कि वो कि हमारी रिपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा कैसे है।
This is totally false & an utter lie. There were no “secret” White House meetings.
— Praveen Chakravarty (@pravchak) July 31, 2024
I was with Mr.Gandhi on every day of this trip
This fake news about the Leader of the Opposition can impact bilateral relationship, is against India’s national interests & a prosecutable offence. https://t.co/uEfDW33Oje
अब एक बात जो ध्यान देने वाली है वो ये कि प्रवीण सिर्फ बैठक पर बात की लेकिन अन्य किसी लिंक को नकार नहीं पाए। उन्होंने उस सवाल का जवाब भी नहीं दिया जो सैम पित्रौदा और राहुल गाँधी के अमेरिका डीप स्टेट को लेकर खड़े किए गए थे, न ही उन्होंने इस बात को नकारा की पित्रौदा की एनजीओ को यूएस स्टेट डिपार्टमेंट, यूएसएआईडी और रॉकफेलर फाउंडेशन से फंड मिलता है।
और बैठक पर भी उन्होंने जो बोला वो ये कहा कि कोई गुप्त बैठक नहीं हुई। क्या ये समझा जाए कि चूँकि उस ट्रिप पर वो राहुल गाँधी के साथ थे और मीडिया में उस पर रिपोर्ट हुई इसलिए वो बैठक सीक्रेट नहीं थी।
मालूम हो कि अब जब प्रवीण चक्रवर्ती ने इस मामले में सवाल उठाए हैं तो ये जानना और महत्वपूर्ण होता है कि किस तरह से वो प्रवीण चक्रवर्ती ही हैं जिन्होंने यूएस डीप स्टेट के साथ कॉन्ग्रेस की मिलीभगत पर सबूत दिए।
राहुल गाँधी की व्हाइट हाउस अधिकारियों के साथ सीक्रेट मीटिंग का स्त्रोत क्या?
साल 2023 में राहुल गाँधी की वॉशिंगटन ट्रिप के दौरान ईकोनॉमिक टाइम्स में रिपोर्ट छपी थी, जिसे सीमा सिरोही ने लिखा था। सीमा वैसे तो राहुल की प्रशंसक हैं और जमकर तारीफ भी करती हैं लेकिन उस रिपोर्ट में उन्होंने ये बता दिया कि व्हाइट हाउस में ऐसी बैठक हुई थी जिसे बाइडन प्रशासन और कॉन्ग्रेस ने गुप्त रखने का निर्णय लिया था।
उस समय वह खबर सोर्स पर आधारित थी, जिसे सिरोही ने नहीं बताया कि उन्हें जानकारी कैसे मिली। उन्होंने ये जानकारी शायद ये संदेश देने के लिए दी थी कि बाइडेन सरकार राहुल गाँधी सकारात्मक रूप से ले रहा है। लेकिन, यही खबर वो आधार बनी जिसने राहुल गाँधी के राजनीतिक विरोधियों और यहाँ तक भाजपा का ध्यान इस बैठक पर खींचा। सवाल उठे, मर कोई खंडन नहीं हुआ।
सिरोही ने बरखा दत्त के चैनल पर भी अपनी कहानी को बताया। हालाँकि बाद में चूँकि उनकी रिपोर्ट से कॉन्ग्रेस पर सवाल उठे तो पार्टी समर्थकों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। ट्रोलिंग और दुर्व्यवहार के बाद सिरोही ने अपने स्रोत का खुलासा करने का फैसला किया। सीमा ने ट्विटर पर पुष्टि की थी कि यह जानकारी प्रवीण चक्रवर्ती ने ही दी थी। ध्यान रहे कि ऑपइंडिया को धमकी देते हुए प्रवीण ने स्वीकार किया था कि वह पूरी यात्रा के दौरान राहुल गाँधी के साथ थे।
After a couple of days of abuse from Congress supporters, I thought I would reveal my "source." Here he is on the record to PTI. Data chief Praveen Chakrabarti told PTI… "we met some people in the White House…" Story published June 3,2023 https://t.co/TGNRu5lAS0 https://t.co/ZbbXHikLpg
— Seema Sirohi (@seemasirohi) June 9, 2023
3 जून 2023 को प्रवीण चक्रवर्ती ने पीटीआई से बात की और पुष्टि की कि राहुल गाँधी ने वास्तव में व्हाइट हाउस और बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भी इस पर खबर (अर्काइव लिंक) छपी थी। उसमें कहा गया था:
कॉन्ग्रेस पार्टी के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने पीटीआई को बताया, “…प्रशासन के लोगों के साथ कुछ बैठकें हुईं। वे बहुत सौहार्दपूर्ण बैठकें थीं। इस बैठक का वास्तव में बड़ा उद्देश्य भारत-अमेरिका संबंधों के महत्व को उजागर करना, संबंधों को व्यापक आधार देने की आवश्यकता था। इसमें यूक्रेन की स्थिति पर भारत के रुख के बारे में सवाल उठे हैं, और राहुल गाँधी ने निजी और सार्वजनिक रूप से दोनों ही तरह से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह यूक्रेन की युद्ध स्थिति पर भारत सरकार के रुख का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।”
इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि चक्रवर्ती जो अमेरिकी यात्रा के दौरान राहुल गाँधी के साथ, उन्होंने राहुल गाँधी की बैठकों के बारे में कोई ब्यौरा नहीं दिया। उन्होंने बैठक के बारे में विस्तार से बताए बिना कहा, “हमने विश्वविद्यालयों के छात्रों से मुलाकात की, हमने इन विश्वविद्यालयों के शिक्षकों से मुलाकात की। हमने सिलिकॉन वैली में प्रौद्योगिकी अधिकारियों से मुलाकात की। हमने अमेरिका के मीडिया नेतृत्व से मुलाकात की। हमने थिंक टैंक, शिक्षाविदों और विद्वानों से मुलाकात की। हमने व्हाइट हाउस के कुछ लोगों से मुलाकात की। हमने (बाइडेन) प्रशासन के कुछ लोगों से मुलाकात की।”
वहीं उन्होंने पीटीआई के साथ बातचीत में यह भी संकेत दिया कि उनकी अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय लोकतंत्र काफी चर्चा का विषय था। इसपर भी उन्होंने मीडिया को बताया था। अब प्रवीण चक्रवर्ती शायद इसका बचाव करने के लिए झूठ बोल सकते हैं और दावा कर सकते हैं कि उन्होंने भारतीय लोकतंत्र पर बात सिर्फ उन लोगों से की जिनकी उनसे मुलाकात हुई थी न की बाइडेन प्रशासन ने। हालाँकि उनका ये कहना भी विश्वास लायक नहीं होगा क्योंकि राहुल गाँधी ने हर बार अमेरिकी हस्तक्षेप की माँग की है।
Chakrabarty changed his mind a couple of days later and told The News Minute editor, oh no, there was no White House meeting. Listen from 14 minutes on where he forgets what he told PTI earlier. So what is the truth? Will the party data chief explain. https://t.co/Az6tkcV3fQ
— Seema Sirohi (@seemasirohi) June 9, 2023
2021 में, राहुल गाँधी ने हार्वर्ड केनेडी स्कूल के राजदूत निकोलस बर्न्स के साथ एक ऑनलाइन बातचीत के दौरान अमेरिकी हस्तक्षेप की माँग की थी…। उन्हें उस समय हार्वर्ड केनेडी स्कूल के इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स से बुलाया गया था। व
यह सब सिर्फ अटकलें नहीं हैं कि बाइडेन के अधिकारियों के साथ राहुल गाँधी की बातें क्या रही होंगी। वो भी तब जब प्रवीण चक्रवर्ती कहते हैं कि राहुल गाँधी ने तो बस भारतीय लोकतंत्र को सशक्त और मजबूत करने के बारे में बात की थी और ये कैसे बड़े पैमाने पर दुनिया की मदद की थी इस पर चर्चा की थी।
अगर वाकई राहुल गाँधी ने राहुल गाँधी ने वास्तव में व्हाइट हाउस के अधिकारियों से मुलाकात के दौरान भारत में विदेशी हस्तक्षेप के लिए नहीं कहा था, तो यह कॉन्ग्रेस और प्रवीण चक्रवर्ती की जिम्मेदारी है कि वे बताएँ कि राहुल गाँधी और बिडेन प्रशासन के अधिकारियों के बीच क्या बातचीत हुई थी।
हकीकत तो ये है कि अमेरिकी यात्रा के बाद प्रवीण चक्रवर्ती ने खुद इस बात की बात पुष्टि की थी राहुल ने भारतीय लोकतंत्र पर चर्चा की थी जबकि यात्रा से पहले वो कह रहे थे भारतीय लोकतंत्र राहुल गाँधी के एजेंडे में है ही नहीं।
प्रवीण चक्रवर्ती के बयान बदलने की बात सीमा सिरोही भी अपने ट्वीट में उजागर कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पहले चक्रवर्ती ने कहा मीटिंग हुई है। अब अपना मन बदल लिया और कह रहे हैं कि व्हाइट हाउस में कोई मीटिंग ही नहीं हुई।
हालाँकि यदि प्रवीण के बयान देखें तो पता चलेगा कि भले ही वो इस बात को अस्वीकार कर रहे हैं कि राहुल गाँधी की बैठक नहीं हुई, लेकिन वो स्वीकार कर रहे हैं कि राहुल गाँधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान सीनेटरों और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी।
अब उनका रवैया देख प्रतीत होता है कि वो एक जानकारी पर बहस कर रहे हैं कि राहुल गाँधी व्हाइट हाउस गए, लेकिन इस पर कुछ नहीं बोल रहे कि वो सरकारी अधिकारियों से और बाइडेन के प्रशासन से मिले और भारतीय लोकतंत्र पर बात की… जिसका अर्थ हम जानते हैं क्योंकि राहुल गाँधी पहले भी कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं।
अब ये तो साबित होता है कि कॉन्ग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती या तो बहुत बड़े झूठे हैं या फिर कॉन्ग्रेस के पास बहुत कुछ छिपाने को हैं जो प्रवीण चक्रवर्ती नहीं छिपा पाए और हकीकत खोल दी।
इन्हीं जानकारियों से बहुत प्रश्न खड़े होते हैं। सबसे पहले, प्रवीण चक्रवर्ती ने सीमा सिरोही को क्यों बताया कि राहुल गाँधी गुप्त बैठक के लिए व्हाइट हाउस गए थे और फिर इन बयानों के एक पूरे सप्ताह बाद पलट गए? दूसरे, जब पीटीआई से बातचीत में भी प्रवीण ने इन गुप्त बैठकों की पुष्टि की तो फिर इन बैठकों के विषय को बताने से भी इनकार क्यों कर दिया – प्रवीण या कॉन्ग्रेस पार्टी, बिडेन प्रशासन के साथ चर्चा के विषय को क्यों छिपाएगी? इसके अलावा, भले ही अब कोई पलटे लेकिन जब साल 2023 में प्रवीण ये लगातार पुष्टि कर रहे थे कि राहुल गाँधी ने “लोकतंत्र को संरक्षित करने” के बारे में बात की… तो क्या कॉन्ग्रेस को इस बारे में स्पष्ट नहीं करना चाहिए कि वास्तव में चर्चा क्या हुई थी?
कॉन्ग्रेस इन सवालों के जवाब नहीं देगी क्योंकि ऐसा करते हुए उन्हें ऐसे प्रश्नों से जूझना होगा जो उनको असहज महसूस करा सकते हैं और उनके यूएस डीप स्टेट के साथ मिलीभगत होने वाले लिंक को खोल सकते हैं।
नोट: इस लेख को मूल रूप से अंग्रेजी में ऑपइंडिया की चीफ एडिटर नुपूर जे शर्मा ने लिखा है। आप इसे अंग्रेजी में यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते हैं।