पाँच राज्यों में चुनावी सरगर्मी के बीच कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी एक बार फिर विदेश यात्रा पर निकल गए हैं। बताया जा रहा है कि वह बुधवार (29 दिसंबर 2021) को इटली पहुँच गए। वायनाड के कॉन्ग्रेस सांसद के भारत में नहीं होने की वजह से उनकी पंजाब रैली स्थगित कर दी गई है। गौरतलब है कि राहुल गाँधी की इटली यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब सभी राजनीति दल अगले साल की शुरुआत में पाँच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार और रैलियों की तैयारी कर रहे हैं।
Rahul Gandhi is on a brief personal visit. BJP and its media friends should not spread rumors unnecessarily: Congress leader Randeep Surjewala to ANI on reports of Rahul Gandhi traveling abroad
— ANI (@ANI) December 29, 2021
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ANI ने कॉन्ग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के हवाले से कहा, “राहुल गाँधी एक संक्षिप्त व्यक्तिगत यात्रा पर हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके मीडिया मित्रों को अनावश्यक रूप से अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए।” बता दें कि राहुल गाँधी 3 जनवरी को मोगा जिले में पार्टी की रैली के साथ पंजाब में अभियान की शुरुआत करने वाले थे। रैली के स्थगित होने की संभावना है। रिपोर्टों से पता चलता है कि गाँधी के भारत लौटने से पहले कॉन्ग्रेस पंजाब में अपना प्रचार अभियान शुरू नहीं करेगी।
राहुल गाँधी की पिछली यात्रा लगभग एक महीने की थी
दिवाली से ठीक पहले, राहुल गाँधी ‘लापता’ हो गए थे। कथित तौर पर लंदन गए थे। इसके बाद 5 नवंबर को बताया गया कि राहुल गाँधी ‘लंबी छुट्टी’ पर थे। वह संसद में शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले लगभग एक महीने बाद लौटे थे। उस वक्त बीजेपी ने राहुल पर कटाक्ष किया और उनके लंदन दौरे पर सवाल उठाया था।
राहुल गाँधी को अक्सर एक राजनेता की तुलना में एक पूर्णकालिक यात्री के रूप में देखा जाता है। दिसंबर 2020 में वह अपनी पार्टी के 136वें स्थापना दिवस पर इटली के लिए रवाना हुए। उनकी पार्टी के नेता एक स्पष्टीकरण पर सहमत नहीं हुए। हर कॉन्ग्रेस नेता की तरफ से अलग-अलग बातें कही जा रही थी, जिसकी वजह से वह विपक्ष और मीडिया के निशाने पर आ गए थे। इसी तरह अक्टूबर 2019 में, हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पंद्रह दिन पहले राहुल गाँधी कथित तौर पर बैंकॉक के लिए रवाना हुए थे।
दिलचस्प बात यह है कि राहुल गाँधी का पार्टी के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को छोड़ने का भी इतिहास रहा है। नवंबर 2019 में, कॉन्ग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देश भर में 35 प्रेस कॉन्फ्रेंस की योजना बनाई थी, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस का निर्देश देने वाले राहुल गाँधी खुद ही उसे छोड़ दिया।
मई 2019 में, संसदीय चुनावों की मतगणना से पहले, राहुल गाँधी ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक को छोड़ दिया, जिसमें उन्होंने एक पीएम उम्मीदवार पर फैसला करने की योजना बनाई थी लेकिन वह छुट्टी मनाने के लिए लंदन निकल लिए। 2018 में बजट सत्र में गायब रहने से लेकर 2015 में थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार और वियतनाम की यात्राओं तक, ऐसा कहा जाता है कि कॉन्ग्रेस नेता अपनी पार्टी के लिए सपोर्ट दिखाने से ज्यादा यात्रा करने में अधिक रुचि रखते हैं।