मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला संसद सत्र शुरू हो गया। सोमवार यानी जून 17, 2019 से शुरू हुए इस सत्र में पहले दो दिन सभी नव-निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे कई दिग्गज नेताओं ने शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने इन सांसदों को शपथ दिलाई। वहीं पहले ही दिन राहुल गाँधी की सदन में तब किरकिरी हो गई, जब वह शपथ लेने के बाद हस्ताक्षर करना ही भूल बैठे। सांसद का शपथ लेने के बाद वायनाड से जीत कर आए राहुल संसद के रजिस्टर में हस्ताक्षर करना भूल गए, जो कि एक औपचारिक प्रक्रिया है।
इसके बाद राजनाथ सिंह व अन्य नेताओं ने राहुल को इस बात की याद दिलाई, तब उन्होंने आकर हस्ताक्षर किए। चौथी बार सांसद चुने गए राहुल गाँधी इस बार अमेठी से हार गए। दो सीटों पर चुनाव लड़ने के कारण वह संसद पहुँच सके क्योंकि केरल में उन्हें जीत मिली। लंच टाइम के बाद संसद पहुँचे राहुल गाँधी ने अंग्रेजी में शपथ ली। शपथ लेने से पहले उन्होंने एक ट्वीट में लिखा:
“लोकसभा के सदस्य के रूप में मेरा लगातार चौथा कार्यकाल आज से शुरू हो रहा है। केरल के वायनाड का प्रतिनिधित्व करते हुए मैं आज दोपहर शपथ लेकर संसद में अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहा हूँ। मैं यह भरोसा दिलाता हूँ कि मैं भारत के संविधान के प्रति सच्चा विश्वास और निष्ठा रखूँगा।”
बुधवार (जून 19, 2019) को लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) का मतदान होना है। भाजपा ने पहले कार्यकाल के दौरान अन्नाद्रमुक को लोकसभा उपाध्यक्ष का पद दे दिया था, जबकि वे तब राजग का हिस्सा भी नहीं थे। चर्चा है कि भाजपा उसी परंपरा का पालन करते हुए किसी नॉन-राजग पार्टी को यह पद दे सकती है। सोमवार को निर्वाचित साध्वी प्रज्ञा ने जब शपथ लिया, तब विपक्षी नेताओं ने उनके नाम को लेकर विवाद खड़ा किया। कुल मिलकर पहले दिन 313 सांसदों ने शपथ ली।
राहुल गांधी को नेता तो छोड़िए एक गम्भीर मनुष्य बनने में ही कई साल लगेंगे
— Aastha Tripathi (@Aastha9305) June 17, 2019
शपथ के बाद हस्ताक्षर करना भूल गए?? pic.twitter.com/AGPOpRknnp
पहले दिन सांसदों ने जम कर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और जब आसनसोल से चुने गए बाबुल सुप्रियो ने शपथ लिया, तब सदन में ‘जय श्री राम’ के नारे गूँजे। अभी तक विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस ने सदन में अपने नेता के नाम की घोषणा नहीं की है। संसदीय परंपरा के अनुसार, नवगठित लोकसभा को राष्ट्रपति भी सम्बोधित करेंगे। फिर उनके अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाएगा, जिस पर विस्तृत बहस होगी। पहले दिन संसद में कई सदस्य अपने क्षेत्रीय पारम्परिक परिधान में पहुँचे।
हालाँकि, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, मल्लिकार्जुन खड़गे, एचडी देवेगौड़ा और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेताओं के न रहने के कारण सदन में यह साफ़ झलका कि अब पीढ़ियाँ बदल गई हैं। सनी देओल, गौतम गंभीर, मिमी चक्रवर्ती और रवि किशन के होने से ग्लैमर का भी तड़का लगा।