पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान ऐसी-ऐसी बातें कही, जो तुरंत मजाक की विषय-वस्तु बन गई। लोगों ने उनके बयानों को हाथों-हाथ लिया और वे सोशल मीडिया पर वायरल भी होने लगे। कई लोगों ने तो यहाँ तक कहा कि राहुल गाँधी ने बैंकॉक से लौटते ही चुनाव प्रचार अभियान संभाल लिया है और अब भाजपा को जीतने से कोई नहीं रोक सकता। महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं और 24 अक्टूबर को मतगणना के साथ ही चुनाव परिणाम भी आ जाएँगे। प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महारष्ट्र में रैली की। आइए आपको राहुल गाँधी के भाषण के कुछ मनोरंजक अंश से रूबरू कराते हैं।
सबसे पहले तो राहुल गाँधी ने भारत के स्पेस प्रोग्राम की महत्ता को ही नकार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए युवाओं को ‘चाँद देखने’ के लिए कह रही है। इससे उनका आशय चंद्रयान-2 कार्यक्रम से था, जिसमें पूरे भारत की जनता ने उत्साहित होकर इसरो वैज्ञानिकों की हौसला-आफजाई की। उन्होंने साथ ही यह भी याद दिलाया कि कॉन्ग्रेस ने इसरो की स्थापना की थी। कुल मिला कर पुराने राग को रागा ने नए अंदाज में और मजाकिया तरीके से छेड़ा।
सबसे ज्यादा मजा तो लोगों ने राफेल पर उनके बयान का लिया। राहुल गाँधी का कहना था कि राजनाथ सिंह फ्रांस में जाकर राफेल को औपचारिक रूप से प्राप्त करने इसीलिए गए क्योंकि भाजपा नेताओं को राफेल ‘चुभता’ है। ये बेतुका है क्योंकि कोई चीज अगर किसी को चुभती है तो वो उस चीज से दूर भागेगा न? लोकसभा चुनाव 2019 में राफेल मुद्दा फेल हो चुका है। फिर भी, राहुल यह कहना नहीं भूले कि राफेल में चोरी हुई है। उन्होंने दावा किया कि रक्षा मंत्रालय ने लिख कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल मामले में टाँग अड़ाई है।
पूरे भाषण बेहद मनोरंजक कहकर इसे टुकड़ों में शेयर किया जा रहा है। आप यहाँ मजा ले सकते हैं
महाबलिपुरम में भारत-चीन के बीच अनौपचारिक समिट को खूब मीडिया कवरेज मिला और मोदी-जिनपिंग ने कई प्राचीन भारतीय कला प्रस्तुतियों का आनंद लिया। राहुल गाँधी ने आरोप लगाया कि ‘मेड इन चीन’ से भारतीय युवाओं का रोजगार छिन रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी कम्पनियाँ भारत में घुस आई हैं, जिससे यहाँ के लोगों को नुकसान होता है। जब कोई विदेशी कम्पनी किसी अन्य देश में इंडस्ट्री सेट करती है तो उस देश को फायदा होता है लेकिन राहुल का अलग ही अर्थशास्त्र चलता है। खैर, मजे के लिए यही सही है।
क्या किसी पार्टी का पूर्व अध्यक्ष और सर्वेसर्वा ऐसा कह सकता है कि उसकी पार्टी ने कुछ नहीं किया? राहुल गाँधी कह सकते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि जनता ने अब बहुत देख लिया है और पिछले 70 सालों में कुछ नहीं हुआ। इन 70 सालों में उन्होंने 5 दशक से भी कॉन्ग्रेसी शासन को भी लपेटे में ले लिया। भाई, अगर 70 सालों में कॉन्ग्रेस ने कुछ नहीं किया तो अब लोग क्यों वोट देंगे? राहुल ने यह भी कहा कि पूरे सिस्टम को नष्ट कर दिया गया। उनके इस बयान का समर्थन ख़ुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी किया।
७० साल में कुछ नहीं हुआ ! #PunhaAnuyaAapleSarkar #पुन्हा_आणूया_आपले_सरकार pic.twitter.com/LtiZ4vDcjm
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) October 14, 2019
उन्होंने राजस्थान और मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकारों का उदाहरण दिया। दोनों ही राज्यों में क़ानून-व्यवस्था की पोल खुल चुकी है। उन्होंने हास्यास्पद दावा किया कि दोनों ही राज्यों में कॉन्ग्रेस सरकारों ने क़र्ज़माफ़ी की प्रक्रिया पूरी कर दी है। जहाँ मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कॉन्ग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने क़र्ज़माफ़ी को नकार दिया, राजस्थान में किसानों ने कई प्रदर्शन किए। राहुल गाँधी के ताज़ा भाषण में अगर मनोरंजन में कोई कमी रह गई होगी तो शायद अगली रैली में पूरी हो जाए।