राहुल गाँधी एक बार फिर से यूरोप के लिए निकल गए हैं। वो भी तब, जब कॉन्ग्रेस की अहम बैठक होने वाली है। बताया जा रहा है कि ये उनका ‘व्यक्तिगत दौरा’ है। अब जब हिमाचल प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियाँ तेज़ हो रही हैं, इस तरह राहुल गाँधी का विदेश दौरे पर जाना सबको हैरान करने वाला है। हालाँकि, इससे पहले भी वो ऐसे कारनामे करते रहे हैं। ये भी ध्यान देने वाली बात है कि संसद का मॉनसून सत्र भी शुरू होने वाला है।
राहुल गाँधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने के सबसे बड़े कारणों में से एक ये भी है कि महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षणों से पहले वो अचानक विदेश दौरे पर निकलते रहे हैं। फ़िलहाल पार्टी ने उनके ताज़ा दौरे को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। गुरुवार (14 जुलाई, 2022) को पार्टी की एक बड़ी बैठक भी होने वाली है, जिसमें अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा होगी। राहुल गाँधी को भी अध्यक्ष की दौर में माना जा रहा है, लेकिन वो गायब होंगे।
महात्मा गाँधी की जयंती (2 अक्टूबर) से शुरू होने वाली कॉन्ग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर भी इस बैठक में चर्चा होगी। अब राहुल गाँधी के विदेश दौरे से भाजपा को भी नया मुद्दा मिलेगा, जिसका जवाब कॉन्ग्रेस प्रवक्ता अजीबोगरीब ढंग से देते हैं। आपको याद होगा कि मई 2022 की शुरुआत में वो नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक शादी समारोह में चीनी महिला राजदूत के साथ दिखे थे। पंजाब और उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस के बुरे प्रदर्शन के बाद ये वीडियो वायरल हुआ था।
केंद्र की मोदी सरकार को बदनाम करने राहुल गांधी फिर एक बार यूरोप रवाना हुए। नहीं ले पाएंगे कांग्रेस की अहम बैठकों में हिस्सा।
— हम लोग We The People (@ajaychauhan41) July 12, 2022
इसी तरह वो उस समय भी यूरोप के दौरे पर निकले थे। दिसंबर 2021 में वो इटली के लिए निकल गए थे। फिर वो जनवरी आधा वहाँ बिता कर वापस आए थे। इसी साल यूके के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में जाकर उन्होंने भारत विरोधी भड़काऊ बातें की थीं। इधर राज्यसभा चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस संघर्ष कर रही थी, उधर उनका नेता विदेश में था। अबकी संसद सत्र में राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति का चुनाव भी होना है। गोवा में कॉन्ग्रेस टूट गई है और पार्टी का बुरा हाल है।