Wednesday, November 6, 2024
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भीड़ जुटाने के लिए ‘आंदोलनजीवियों के राजा बाबू’ की शरण में राहुल गाँधी? कॉन्ग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को YoYa का समर्थन

राहुल गाँधी और योगेंद्र यादव मिलकर देश भर में मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए निकलेंगे। इस बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगेंद्र यादव ने ऐसे ही संकेत भी दिए हैं।

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तैयारी में जुटे हुए हैं। इस यात्रा की शुरुआत 7 सितंबर, 2022 से होनी है। इसकी तैयारियों को लेकर राहुल गाँधी ने सोमवार (22 अगस्त, 2022) को सामाजिक एवं गैर सरकारी संगठनों (NGO) के अलावा ‘स्वराज इंडिया’ के योगेंद्र यादव से भी मुलाकात की है। योगेंद्र यादव अन्ना हजारे सत्याग्रह, किसान आंदोलन और शाहीन बाग़ से लेकर कई प्रकार के प्रदर्शनों में शामिल रहे हैं, ऐसे में लोग उन्हें आंदोलनकारियों के ‘राजा बाबू’ भी बताते हैं, जो कभी भी चोला बदल सकते हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गाँधी और योगेंद्र यादव मिलकर देश भर में मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए निकलेंगे। इस बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगेंद्र यादव ने ऐसे ही संकेत भी दिए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो कॉन्ग्रेस का साथ दें। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘सिविल सोसाइटी’ एक विस्तृत अपील भी जारी करेगा।

दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि वह कॉन्ग्रेस की इस यात्रा के विचार से सहमत हैं। उन्होंने यह भी कहा, “भारत जोड़ो यात्रा समय की माँग है। दिन भर की बातचीत के बाद यह राय बनी है कि हम सर्वसम्मति से इस यात्रा का स्वागत करते हैं और अपने-अपने तरीके से इस यात्रा से जुड़ेंगे।”

बताया जा रहा है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर दिल्ली के ‘कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया’ में हुई इस बैठक में तथाकथित सिविल सोसायटी के सदस्यों के साथ इस बारे में चर्चा हुई है कि कॉन्ग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में उन लोगों की क्या भूमिका हो सकती है।

इस बैठक में ‘स्वराज इंडिया’ के योगेंद्र यादव के अलावा ‘सफाई कर्मचारी आंदोलन’ के बेजवाड़ा विल्सन, ‘योजना आयोग’ की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद, ‘एकता परिषद’ के पीवी राजगोपाल समेत करीब 150 लोग मौजूद थे।

2014 और 2019 लोकसभा चुनावों में हार के बाद कॉन्ग्रेस ने कई राज्यों में भी सत्ता गँवाई है। राहुल गाँधी को अब फिर से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष बनाने की चर्चा जोरों पर है। हालाँकि, अब ‘भारत छोड़ो यात्रा’ समेत अन्य ऐसे ही अन्य प्रयास करके कॉन्ग्रेस की मंशा है कि भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया जाए। कई लोग इसे राहुल गाँधी की दोबारा ताजपोशी के लिए बनाया गया कार्यक्रम भी बता रहे हैं। तो क्या अब कॉन्ग्रेस ‘आंदोलनजीवियों’ के सहारे सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही है?

कॉन्ग्रेस की यह यात्रा कुल 3500 किलोमीटर की है, जिसकी शुरुआत 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होगी। इस यात्रा को लेकर कॉन्ग्रेस द्वारा कहा गया है कि इसमें सभी सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और समान विचारधारा के लोग शामिल हो सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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