नेहरू-गाँधी परिवार की विरासत के बावजूद राहुल गाँधी अब तक की अपनी राजनीतिक यात्रा में कॉन्ग्रेस के लिए बोझ ही साबित हुए हैं। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अब तक जितने भी सियासी प्रयोग किए हैं, उनमें उनको पटखनी मिली है। 2024 के आम चुनावों से पहले कॉन्ग्रेस अखाड़े से राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रही है। लेकिन अखाड़े से भी तस्वीरें राहुल गाँधी के चित होने की ही आ रही है।
राहुल गाँधी बुधवार (27 दिसंबर 2023) की सुबह हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गाँव पहुँचे। अखाड़े में पहलवानों से मुलाकात की। ये वही अखाड़ा है, जिससे दीपक और बजरंग पुनिया ने कुश्ती की शुरुआत की थी।
इस दौरान कॉन्ग्रेस नेता ने पहलवानों के साथ बातचीत की। एक्सरसाइज किया। कुश्ती के दांव-पेंच सीखे। मैट पर बजरंग पुनिया के साथ कुश्ती कर चित हुए। राहुल गाँधी ने पहलवानों के साथ बाजरे की रोटी और सरसों का साग भी खाया। रिपोर्ट के अनुसार लौटते समय गन्ने और मूली भी साथ ले गए।
जननायक @RahulGandhi जी आज हरियाणा में पहलवानों के बीच पहुंचे। pic.twitter.com/O3QqZFO2lA
— Congress (@INCIndia) December 27, 2023
छारा गाँव के इस अखाड़े को वीरेन्द्र आचार्य अखाड़ा कहते हैं। यह अखाड़ा पहलवान दीपक पूनिया का प्रशिक्षण केन्द्र रहा है। दीपक पूनिया कॉमनवेल्थ में स्वर्ण और एशियाई खेलों में रजत पदक भी जीत चुके हैं। राहुल गाँधी का आज रोहतक में भी एक अखाड़े में जाने का कार्यक्रम है।
#WATCH | Haryana: On Congress MP Rahul Gandhi visits Virender Arya Akhara in Chhara village of Jhajjar district, Wrestler Bajrang Poonia says, "He came to see our wrestling routine…He did wrestling…He came to see the day-to-day activities of a wrestler." pic.twitter.com/vh0aP921I3
— ANI (@ANI) December 27, 2023
बजरंग पूनिया ने इस मुलाक़ात के बाद बताया, “राहुल गाँधी हमारा जो रूटीन होता है रेसलिंग का वह देखने आए थे। उन्होंने कुश्ती और व्यायाम भी किया। वह यह देखने आए थे कि एक खिलाड़ी का जीवन कैसा होता है।” राहुल गाँधी ने इस दौरान कोच वीरेन्द्र आचार्य से भी मुलाक़ात की। वीरेन्द्र आचार्य का कहना था कि राहुल गाँधी सुबह 6:15 बजे बिना किसी को बताए पहुँचे थे।
गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव सम्पन्न हुए थे, जिसमें संजय सिंह की जीत हुई थी। वह कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं। इसके बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का निर्णय लिया था। बजरंग पुनिया ने पद्मश्री लौटा दिया था। इसके बाद साक्षी मालिक और बजरंग पूनिया ने कॉन्ग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और प्रियंका गाँधी से मुलाकात भी की थी।
वैसे केंद्र सरकार ने कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह और उनकी पूरी टीम को काम करने से रोक दिया है। कुश्ती फेडरेशन का कामकाज एडहॉक कमेटी देखेगी। लेकिन कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवान इससे संतुष्ट नहीं हैं। 26 दिसंबर को इस कड़ी में विनेश फोगाट ने अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस कर दिया था।