कॉन्ग्रेस के नेता हैं लक्ष्मण सिंह। उनके भाई दिग्विजय सिंह केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी। राहुल गाँधी के वो सबसे नजदीकी सलाहकारों में से हैं। राहुल गाँधी ही नहीं, पूरी गाँधी फैमिली उन्हें खूब भाव देती है। लेकिन दिग्विजय सिंह के विधायक रह चुके भाई लक्ष्मण सिंह राहुल गाँधी को कोई भाव देने के मूड में नहीं दिखते। उनका कहना है- “राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस के एक सामान्य कार्यकर्ता हैं, उन्हें इतना भाव मीडिया क्यों दे? मैं तो उन्हें बड़ा नेता मानता ही नहीं, आप भी मत मानिए।”
लक्ष्मण सिंह अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं, हालाँकि अपने बयानों की वजह से वो विवादों में भी रहे हैं। इस बार उन्होंने मीडिया से बातचीत में राहुल गाँधी के लिए ऐसी बात कह दी, जो शायद ही किसी कॉन्ग्रेसी को पसंद आए। लक्ष्मण सिंह ने कहा, “राहुल गाँधी न तो पार्टी के अध्यक्ष हैं और न ही कोई बड़े नेता। वो सामान्य सांसद हैं, जैसे पार्टी के दूसरे और भी सांसद हैं।”
बता दें कि लक्ष्मण सिंह पहले विधायक थे लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में चचौरी में इस बार उन्हें भाजपा प्रत्याशी प्रियंका से हारना पड़ा। इसके बाद वह अब चर्चा में आए। उन्होंने रविवार (31 दिसंबर 2023) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मीडिया ने राहुल गाँधी की उन चिंताओं (जिसमें राहुल संसद में बोलते समय कैमरा घुमा दिए जाने का आरोप लगाते हैं) पर सवाल पूछा था, साथ ही जन्म के आधार पर प्रिविलेज्ड होने के मामले पर भी सवाल पूछा था। इस सवाल के जवाब में लक्ष्मण सिंह ने अपने दिल की बात कही।
लक्ष्मण सिंह बोले, “राहुल गाँधी एक सांसद हैं। वो अध्यक्ष नहीं हैं। और एक कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता हैं। इसके अलावा राहुल गाँधी कुछ नहीं हैं। राहुल गाँधी को इतना हाईलाइट आप लोग भी इतना मत करिए, न हम करें। राहुल गाँधी एक सांसद हैं, जैसे अन्य सांसद होते हैं। कोई जन्म से नहीं हो जाता, अपने कर्म से होता है। राहुल गाँधी को आप इतना बड़ा नेता मत मानिए, मैं तो नहीं मानता हूँ। साधारण सांसद हैं, उनको हाईलाइट करें या न करें, मुझे कोई समस्या नहीं है।”
बता दें कि दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह अक्सर अपनी अलग राय के लिए जाने जाते हैं। एक बार उन्होंने कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की बहुत याद आती है। अगर वो पार्टी में होते, तो पार्टी की ये हालत नहीं होती। इसके अलावा इससे पहले वो ये भी कह चुके हैं कि किसानों की कर्जमाफी संभव नहीं है, राहुल गाँधी को वादा ही नहीं करना चाहिए था।