कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को लोकसभा सचिवालय ने नोटिस भेजा है। उन्हें यह नोटिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई ‘असंसदीय टिप्पणी’ को लेकर भेजा गया है। दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गाँधी पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया था। साथ ही, सचिवालय में शिकायत दर्ज कराई थी। नोटिस का जवाब देने के लिए राहुल को बुधवार (15 फरवरी, 2023) तक का समय दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गत 7 फरवरी को लोकसभा में राष्ट्रपति के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान राहुल गाँधी ने पीएम मोदी को टिप्पणी की थी। इसको लेकर उन पर गलत, अवमानना, असंसदीय टिप्पणी करने व भ्रामक तथ्य रखने का आरोप लगा था।
इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गाँधी पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। यही नहीं, निशिकांत दुबे और प्रह्लाद जोशी ने राहुल गाँधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया था।
साथ ही दोनों नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा था। एक पत्र में प्रह्लाद जोशी माँग की थी कि नियम 380 के तहत राहुल की असंसदीय टिप्पणी और तथ्यों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए। अब इस मामले पर कार्रवाई करते हुए लोकसभा सचिवालय के विशेषाधिकार और आचरण शाखा के उप-सचिव ने राहुल गाँधी को मेल करते हुए नोटिस जारी किया है। इस नोटिस का जवाब देने के लिए राहुल गाँधी को बुधवार (15 फरवरी, 2023) तक का समय दिया गया है।
दरअसल, राहुल गाँधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अडानी के लिए मोदी सरकार ने नियमों में बदलाव किए। साल 2014 में दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में अडानी 609 नंबर पर थे। लेकिन फिर इसके बाद पता नहीं ऐसा कौन सा जादू हुआ कि अडानी दूसरे नंबर पर आ गए। राहुल गाँधी के इन आरोपों को लेकर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया था। भाजपा का कहना था कि राहुल गाँधी ने बिना किसी सबूत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए हैं। इसलिए उन्हें देश से माफी माँगनी चाहिए।