जब राहुल गाँधी कुछ बोलते हैं, तो हर वो व्यक्ति सुनता है जिसे राजनीति के साथ कुछ मनोरंजन का तड़का चाहिए। हालाँकि, राहुल को खुद नहीं पता होता कि वे क्या बोल रहे हैं। अब उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जो मोदी सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के विरोध में है। कई लोग अभी तक ये समझने में लगे हुए हैं कि आखिर पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष अपने इस भाषण में कहना क्या चाह रहे हैं?
अपने इस भाषण में राहुल गाँधी ने दावा किया कि ‘नरेंद्र मोदी के कृषि कानूनों’ ने मंडी को ख़त्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि किसान कहीं भी अपने उत्पाद बेच सकता है, लेकिन जब किसान खेत के बाहर ही नहीं निकल पाएगा, सड़क नहीं होगी- फिर कैसे जाकर बेचेगा? साथ ही राहुल गाँधी यहाँ तक दावा कर बैठे कि नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 8000 करोड़ रुपए के दो हवाई जहाज ख़रीदे हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सोचते हैं कि किसान अपना धान बेचने के लिए हवाई जहाज में उड़ कर जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होता है, किसान को अपने खेत के सामने अपना धान अनाज बेचना है, मगर मंडी में नहीं, छोटे व्यापारियों को नहीं, अम्बानी और अडानी को। उन्होंने कहा, “जब किसान अम्बानी और अडानी को अपना माल बेचेगा, तो वो उन दोनों के सामने नहीं खड़ा होगा।” इसका अर्थ क्या है, ये लोग नहीं समझ पाए।
राहुल गाँधी इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने ये भी कहा कि आज मंडी में आप माल बेचते हो, अलग-अलग व्यापारी होते हैं और आप किधर भी जा सकते हो, लेकिन कोई झगड़ा हुआ तो पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के पास जा सकते हो, कानून के पास जा सकते हो। उन्होंने कहा कि अम्बानी-अडानी को आप माल बेचोगे तो वो जो रेट चाहेंगे वो देंगे और अगर आपको अच्छा नहीं लगा तो आप माल बेचोगे, आस्ते-आस्ते आपकी जमीन भी बिकेगी।”
हालाँकि, अनाज बेचते-बेचते जमीन कैसे बिकने लगेगी, वो राहुल गाँधी ने नहीं बताया। हाँ, उन्होंने इतना ज़रूर कहा कि किसानों की जमीन पर मॉल बनेंगे, फ्लैट्स बनेंगे और आपको या आपके बच्चों को भीतर नहीं जाने दिया जाएगा, और न ही आपको कभी वहाँ फ्लैट खरीदने दिया जाएगा। इस भाषण में राहुल गाँधी ने कृषि कानूनों की तथाकथित कमियों को छोड़ कर अम्बानी-अडानी, मॉल-फ्लैट और जमीन-सड़क, सबकी बात कर दी।
Can someone tell me what is he trying to say?
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) November 28, 2020
He blabbers which only a mother can understand. pic.twitter.com/SzauVmOWZf
ये वीडियो उन विरोध-प्रदर्शनों में से किसी एक का है, जब राहुल गाँधी ट्रैक्टर पर बैठ कर कृषि कानूनों की राजनीति कर रहे थे। हाँकि, बिहार चुनाव हारने के बाद उनके तेवर ढीले पड़ गए। पूरे देश में हुए उपचुनावों में भी कॉन्ग्रेस को मात मिली। जहाँ तक ‘किसान आंदोलन’ की बात है, उस पर खालिस्तानियों और इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों का कब्जा हो रहा है। भारत सरकार बार-बार किसानों को बातचीत के टेबल पर बैठने को बोल रही है।