Thursday, December 5, 2024
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‘मेरे भाई की मौत हो गई है… 1 घंटे से जाम में फँसा हूँ’: गाजीपुर बॉर्डर पर लगे ‘राहुल गाँधी मुर्दाबाद’ के नारे, कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को पब्लिक ने पीटा

एयरपोर्ट से घर लौट रहे ओमप्रकाश भी घंटों जाम में फँसे रहे। उन्होंने पूछा कि राहुल गाँधी के कारण सड़क को क्यों जाम किया गया? वहीं कैलाश नाम शख्स ने कहा, "हम जाम में फँसे हुए हैं। इनको अपनी राजनीति की रोटी सेंकनी है। इनकी राजनीति की वजह से जनता परेशान होती है।"

संभल में मुस्लिम भीड़ की हिंसा के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। प्रशासन ने बाहरी लोगों के प्रवेश पर पांबदी लगा रखी है। बावजूद कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने 4 दिसंबर 2024 को संभल जाने की कोशिश की। प्रशासन ने रास्ते से ही उनके काफिले को लौटा दिया। इसके कारण दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर भारी जाम लग गई। कई किलोमीटर तक वाहन फँसे रहे।

राहुल गाँधी के इस सियासी ड्रामे से आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। कुछ मजबूर होकर रोने लगे। एसपी त्यागी नाम के 80 साल के बुजुर्ग ने न्यूज 18 को बताया, “मेरे भाई की मौत हो गई है। मुझे अंतिम संस्‍कार में जाना है। यहाँ एक घंटे से जाम लगा हुआ है। मैं फँसा हूँ।” इन्हीं मजबूरियों और परेशानियों के कारण आखिर में लोगों का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई भी कर दी। राहुल गाँधी मुर्दाबाद के लगाए नारे।

आज तक ने अपनी रिपोर्ट में एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया है जिसे अपने पिता के अंतिम संस्कार में जाना था। लेकिन जाम के कारण वह अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो सका। वहीं नरेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपनी बेटी को परीक्षा दिलाने के लिए मेरठ लेकर जा रहे थे, लेकिन जाम में फँस गए। उन्होंने पूछा कि सड़कों पर लोगों को परेशान क्यों किया जा रहा है?

एयरपोर्ट से घर लौट रहे ओमप्रकाश भी घंटों जाम में फँसे रहे। उन्होंने पूछा कि राहुल गाँधी के कारण सड़क को क्यों जाम किया गया? वहीं कैलाश नाम शख्स ने कहा, “हम जाम में फँसे हुए हैं। इनको अपनी राजनीति की रोटी सेंकनी है। इनकी राजनीति की वजह से जनता परेशान होती है।” लंबे जाम के कारण परेशानी झेलने वालों में छात्र और कर्मचारी भी थे जो समय से अपने काम पर नहीं पहुँच पाए।

संभल जाने में असफल रहे राहुल गाँधी ने एक्स/ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा है, “पुलिस ने हमें संभल जाने से रोक दिया। विपक्ष के नेता होने के नाते यह मेरा अधिकार और कर्तव्य है कि मैं वहाँ जाऊँ। फिर भी मुझे रोका गया। मैं अकेला जाने को भी तैयार हूँ, लेकिन वे इसके लिए भी नहीं माने। यह संविधान के खिलाफ है।”

वहीं संभल के एसपी केके बिश्नोई ने बताया है कि जिले में अब स्थिति शांतिपूर्ण है। प्रशासन हालात सामान्य बनाए रखने का हरसंभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है। हम सभी जन प्रतिनिधियों से सहयोग की अपील करते हैं। साथ ही बताया कि 10 दिसंबर के बाद हालात को देखते हुए इस संबंध में आगे फैसला लिया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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