Friday, November 15, 2024
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जनता अगर राजभवन को घेरगी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी: धमकी पर उतरे CM गहलोत

“हम सभी (विधायक दल) उनसे मिलेंगे और उनसे निवेदन करेंगे कि किसी के दबाव में न आएँ (और विधानसभा सत्र बुलाएँ)। अपनी अंतरात्मा और संविधान की शपथ के आधार पर फैसला लें। वरना फिर हो सकता है कि पूरे प्रदेश की जनता अगर राजभवन को घेरने के लिए आगे आएगी तो हमारी ज़िम्मेदारी नहीं होगी।"

राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब धमकी की राजनीति पर उतर गए हैं। उन्होंने कहा है कि यदि जनता राजभवन का घेराव करेगी तो उनकी जिम्मेदारी नहीं होगी।

राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात से ठीक पहले उन्होंने मीडिया से यह बात कही। गहलोत ने कहा, “हम चाहते हैं कि सोमवार से विधानसभा का सत्र शुरू हो जाए। तब सब कुछ साफ हो जाएगा। मैंने टेलीफोन पर राज्यपाल से बात की है और उनसे तत्काल फैसला लेने का आग्रह किया है। अब मैं उनसे मिलने भी जा रहा हूॅं।”  

राजस्थान के सीएम ने कहा, “हम सभी (विधायक दल) उनसे मिलेंगे और उनसे निवेदन करेंगे कि किसी के दबाव में न आएँ (और विधानसभा सत्र बुलाएँ)। आपका संवैधानिक पद है और आपने शपथ ली है। अपनी अंतरात्मा और संविधान की शपथ के आधार पर फैसला लें। वरना फिर हो सकता है कि पूरे प्रदेश की जनता अगर राजभवन को घेरने के लिए आगे आएगी तो हमारी ज़िम्मेदारी नहीं होगी।”

इसके बाद गहलोत ने विधायकों संगे राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। वहीं इस मुद्दे पर भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी बयान दिया है।उन्होंने कहा यह पूरी तरह राजनीतिक षड्यंत्र है। आने वाले समय में यह स्पष्ट हो जाएगा कि असल में इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है।

वहीं आज ही के दिन सचिन पायलट को भी उच्च न्यायालय से राहत मिली थी। विधानसभा स्पीकर के द्वारा दिए गए नोटिस पर अभी स्टे लगा दिया गया था। हाईकोर्ट की ओर से सचिन पायलट और राजस्थान के अन्य बागी विधायकों के मामले में फिलहाल फैसले को लेकर कोर्ट की ओर से यथास्थिति का आदेश जारी किया गया है। यानी, विधानसभा स्पीकर विधायकों को अयोग्य करार नहीं दे पाएँगे। हालाँकि, अन्य मामलों को लेकर अभी भी हाईकोर्ट में सुनवाई होती रहेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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