Friday, November 8, 2024
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राजस्थान: सचिन पायलट गुट के MLA पर फिलहाल कार्रवाई नहीं कर पाएँगे स्पीकर, हाई कोर्ट में अब सोमवार को सुनवाई

विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने को लेकर स्पीकर के नोटिस को सचिन पायलट सहित 19 विधायकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। बीते दिन कॉन्ग्रेस ने पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा दिया ​था।

राजस्थान कॉन्ग्रेस की अंदरूनी लड़ाई बयानबाजी, आरोप-प्रत्यारोप से होते हुए अदालत की चौखट तक पहुॅंच चुकी है। सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार (17 जुलाई 2020) को सुनवाई की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सोमवार सुबह 10 बजे तक के लिए सुनवाई टाल दी। यानी अब अगली सुनवाई 20 जुलाई को 10 बजे के बाद होगी।

विधायकों की ओर से विधानसभा स्पीकर की नोटिस को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान सचिन पायलट की ओर से वकील हरीश साल्वे ने अपनी दलील रखी। उन्होंने अपनी बात कहते हुए स्पीकर के आदेश पर सवाल उठाए। उन्होंने सचिन पायलट गुट का पक्ष रखते हुए कहा है कि इस मामले में दसवीं अनुसूची का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने स्पीकर से कोर्ट में बुलाने की माँग की। साल्वे ने कहा कि कहा कि पायलट गुट ने दल बदल कानून का उल्लंघन नहीं किया है।

स्पीकर से कोर्ट ने इस मामले में मंगलवार शाम 5 बजे तक कोई फैसला नहीं लेने को भी कहा है। पहले माना जा रहा था कि स्पीकर जल्द फैसला लेंगे, क्योंकि उन्होंने पायलट और उनके साथी विधायकों को जवाब देने के लिए शुक्रवार शाम तक का वक्त दे रखा था।

हरीश साल्वे ने सचिन पायलट के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि पार्टी को जगाना बगावत नहीं है। विधानसभा के बाहर दल-बदल कानून का प्रावधान लागू नहीं होता है। ऐसे में स्पीकर को नोटिस देने का अधिकार नहीं है। साल्वे ने कहा कि पार्टी ग्रुप ने कोई विद्रोह नहीं किया है, वह सिर्फ अपनी बात रखने के लिए गए थे।

इस मामले में हरीश साल्वे की ओर से पहले नोटिस को स्थगित करने की बात कही गई, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद साल्वे ने कोर्ट से इस मामले में समय माँगा।

हरीश साल्वे के बाद अभिषेक मनु सिंघवी विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दलील पेश की। उन्होंने अपनी दलील में कहा कि सचिन पायलट गुट की याचिका प्री-मैच्योर है, इसलिए इसको खारिज किया जाना चाहिए।

इससे पहले सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने पूरे मामले में पार्टी बनाए जाने को लेकर याचिका डाली थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। इन विधायकों से स्पीकर ने पार्टी ह्विप नहीं मानने पर सदस्यता समाप्त करने को लेकर जवाब तलब किया है। गुरुवार को 19 विधायकों ने नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की थी। सुनवाई के बाद मामला डिवीजन बेंच को ट्रांसफर कर दिया गया था।

इस पूरे प्रकरण की शुरुआत सरकार गिराने की कथित साजिशों को लेकर सचिन पायलट को बयान दर्ज कराने के लिए भेजे गए नोटिस के बाद हुई थी। पायलट के आक्रामक रुख को देखते हुए उनसे पार्टी के प्रदेश ईकाई की कमान के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री का पद भी छीन लिया गया था। इस विवाद में ऑडियो क्लिप भी सामने आया है जिसे आधार बना कर कॉन्ग्रेस ने भाजपा पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया है।

जयपुर में कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भाजपा से संबंधित संजय जैन, कॉन्ग्रेस विधायक भँवरलाल शर्मा के साथ मिल सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। वायरल हो रहे ऑडियो के आधार पर रणदीप सुरजेवाला ने यह भी आरोप लगाया है कि गजेन्द्र सिंह शेखावत, भँवरलाल शर्मा के साथ बैठक में उन्हें अपनी तरफ लेकर आने की योजना बना रहे हैं।

सुरजेवाला ने बताया, “भँवरलाल ने कहा उनके पास संख्या नहीं है, आखिर वह कितने समय तक विधायकों को होटल में रख सकते हैं?” प्रेस वार्ता के वीडियो में ठीक 8वें मिनट की शुरुआत में सुरजेवाला ने कहा कि भँवरलाल के मुताबिक़ गहलोत सरकार के पास विधायकों की संख्या नहीं है। हालॉंकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया था कि उनके पास विधायकों का पर्याप्त संख्या बल है।

एक समाचार समूह में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ गजेन्द्र सिंह और संजय जैन के बीच बातचीत के कुल 3 ऑडियो सामने आए थे। जिस ऑडियो में लगाए गए आरोपों के आधार पर 30 विधायकों को खरीदने की बात हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक़ यह समझौता पहले ही हो गया था और दिल्ली में सब कुछ तय हुआ। इन ऑडियो की पुष्टि करते हुए समाचार समूह भास्कर ने कहा कुल तीन ऑडियो थे, दो राजस्थानी में और एक हिंदी-अंग्रेज़ी में।

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ऑडियो में एक व्यक्ति 30 विधायक खरीदने की बात कर रहा है, साथ ही उसने कहा जल्द ही यह लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। बातचीत से इस बात का अंदाज़ा भी लगाया जा सकता है कि उनसे जुड़े हुए लोग दिल्ली में मौजूद हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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