कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन चल रहा है। वहीं, यूपी में इस भयानक महामारी के बीच ‘बस पॉलिटिक्स’ शुरू हो गई है। यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर भरतपुर के पास प्रियंका गाँधी द्वारा प्रवासियों को ले जाने के लिए तैनात किए गए बसों के ड्राइवरों ने कॉन्ग्रेस के खिलाफ ही बगावती सुर अपना लिए हैं।
बस ड्राइवरों ने भरतपुर बॉर्डर पर कॉन्ग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की। एबीपी न्यूज के मुताबिक, बस ड्राइवरों ने कॉन्ग्रेस पार्टी, खासकर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया, क्योंकि उन्हें घटिया खाना दिया जा रहा। ड्राइवरों ने कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा गलत व्यवहार किए जाने का विरोध किया और उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा पर कॉन्ग्रेस विरोधी नारे लगाए।
इन ड्राइवरों को राजस्थान कॉन्ग्रेस सरकार ने राज्य में फँसे मजदूरों को निकालने के लिए तैनात किया है, जैसा कि प्रियंका गाँधी ने दवा किया था। बताया जा रहा है कि ये ड्राइवर तीन दिनों से सीमापर फँसे हैं।
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ड्राइवरों और उनके साथ काम करने वालों ने आरोप लगाया कि उन्हें खाना नहीं मिल रहा है और मिल रहा है तो सड़ा हुआ मिल रहा है। उन्होंने दावा किया कि पहले तो वो भूखे-प्यासे खड़े थे और फिर जब उन्हें खाना भी मिला, तो वो इतनी खराब क्वालिटी का था कि वो खा नहीं सकते थे। इसके बाद उन्होंने कॉन्ग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
एक ड्राइवर ने आक्रोश व्यक्त करते हुए सवाल किया, “हम प्रवासियों को बचाने के लिए आए हैं, तो हमें क्यों मारा जा रहा है? हमारे बच्चे नहीं हैं क्या? हमारे माँ-बाप नहीं हैं क्या, जो हम यहाँ पर फँसे हुए हैं। हमें यहाँ पर खाने-पीने नहीं दिया जा रहा है।” चिंता की बात यह भी है कि कॉन्ग्रेस के मुताबिक इन ड्राइवरों को प्रवासियों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए तैनात किया गया है, लेकिन इनमें से किसी ने भी न तो मास्क पहना था और सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान रख रहे थे।
गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस पार्टी ने यूपी सरकार को 1000 बसों की सूची सौंपने का दावा किया था। ये अलग बात है कि इनमें से 297 गाड़ियों में कोई न कोई गड़बड़ी है। 79 की फिटनेस नहीं है, 140 का बीमा समाप्त हो चुका है और 78 ऐसी हैं, जिनमें ये दोनों ही ख़त्म हो चुका है।
प्रियंका गाँधी द्वारा भेजे गए बसों की सूची में से 31 ऑटो थे, 69 एंबुलेंस, ट्रक या फिर अन्य वाहन थे। इसके साथ ही 70 ऐसे वाहनों की लिस्ट दी गई थी, जिसका कोई डेटा ही उपलब्ध नहीं था।
इससे पहले आगरा जिले के नजदीक बॉर्डर पर मंगलवार (मई 19, 2020) को उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे, जहाँ से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।