कोयला ब्लॉक में खनन को लेकर कॉन्ग्रेस शासित दो राज्य आमने-सामने आ गए हैं। मामला इस कदर बढ़ गया है कि अब हाईकमान के सामने हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है। राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी (Sonia Gandhi) से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की शिकायत की है। सीएम गहलोत ने छत्तीसगढ़ में अपनी बिजली परियोजनाओं को आवंटित ब्लॉकों से कोयला उत्पादन के लिए मँजूरी में तेजी लाने के लिए सोनिया गाँधी के हस्तक्षेप की माँग की है। उन्होंने सोनिया गाँधी को पत्र भी लिखा है।
यह है राजस्थान का तर्क
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया गाँधी को लिखे पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वहाँ स्थित परसा कोयला ब्लॉक के खनन के लिए मंजूरी में देरी करने से राजस्थान में बिजली की समस्या पैदा हो रही है और राज्य में 4 हजार 340 मेगावॉट उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है। इसी महीने की शुरुआत में राजस्थान को ईंधन की कमी के कारण अपने बिजली स्टेशनों के ठप हो जाने से ब्लैक आउट का सामना करना पड़ा था।
यह है मामला
राजस्थान के कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में परसा, परसा पूर्व, कांता बसन और कांटे एक्सटेंशन में हैं। परसा कोल ब्लॉक से खनन की मंजूरी केंद्रीय कोयला और वन मंत्रालय ने तो दी है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले को लटका दिया है।
यह है छत्तीसगढ़ सरकार का तर्क
परसा कोल ब्लॉक के लिए राजस्थान सरकार ने अडानी कंपनी के साथ अनुबंध किया है। इसके लिए केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद हाल ही में हसदेव क्षेत्र के आदिवासियों ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक पदयात्रा कर राज्यपाल को केंद्र के नाम ज्ञापन सौंपकर खनन की अनुमति देने का विरोध किया था। तब छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों को आश्वस्त किया था कि राज्य सरकार द्वारा उनके हितों की रक्षा की जाएगी। बता दें कि इस संबंध में केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार दोनों से क्लियरेंस मिलने के बाद खनन शुरू हो सकेगा।