राजस्थान की गहलोत सरकार एक बार फिर से फोन टैपिंग मामले में घिरती नजर आ रही है। इस बार सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह अपने ही पार्टी के विधायकों के फोन टैप करा रही है। बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने रविवार (13 जून 2021) को कहा, ”सीएम गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में चल रही जासूसी की साजिश इससे पहले भी हो चुकी है। उन्होंने विधानसभा में स्वीकार किया कि वास्तव में फोन टैपिंग हुई थी। राजस्थान बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है… यह कॉन्ग्रेस में चल रहे अंतर्कलह व असंतोष को दिखाता है।”
Conspiracy of spying going on in Rajasthan under CM Gehlot’s leadership. This happened earlier too & he admitted in Assembly that phone tapping indeed took place. Rajasthan is going through an extremely bad phase…There’s conflict in Congress: Arun Singh, Rajasthan BJP incharge pic.twitter.com/j3bHjJMpXE
— ANI (@ANI) June 13, 2021
वहीं, शनिवार (12 जून 2021) को पायलट खेमे के एक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी गहलोत सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। सोलंकी ने कहा था कि राजस्थान में विधायकों की फोन टैपिंग कराई जा रही है। हालाँकि, उनकी फोन टैपिंग हो रही है या नहीं, इस बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
Rajasthan | I don’t know whether my phone is being tapped or not. But some MLAs said that their phones are being tapped. 2-3 MLAs informed CM about this yesterday. I didn’t have any interaction with Sachin Pilot in this regard: Congress MLA Ved Prakash Solanki pic.twitter.com/XFXy4qlMK3
— ANI (@ANI) June 12, 2021
कॉन्ग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा था, “मुझे नहीं पता कि मेरा फोन टैप हो रहा है या नहीं, लेकिन कुछ विधायकों ने कहा कि उनके फोन टैप किए जा रहे हैं। 2-3 विधायकों ने शुक्रवार (11 जून 2021) को सीएम को इसकी जानकारी दी। इस संबंध में मेरी सचिन पायलट से कोई बातचीत नहीं हुई।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा में कॉन्ग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा, ”ये निराधार आरोप हैं। एक विधायक जैसे जिम्मेदार व्यक्ति को सबूतों के आधार पर चीजों की पुष्टि करने के बाद ही सार्वजनिक बयान देना चाहिए।”
इस मामले को लेकर राजस्थान बीजेपी प्रमुख सतीश पूनिया ने कहा था, “एक साल पहले भी ऐसा ही हाल था। आज फिर से कॉन्ग्रेस के एक विधायक कह रहे हैं कि उनके फोन टेप हो रहे हैं, जासूसी हो रही है। कॉन्ग्रेस बताए कि ये विधायक कौन हैं? कॉन्ग्रेस पार्टी सो जा नहीं तो गब्बर आ जाएगा कि तर्ज पर अपने ही विधायकों को डरा रही है।”
न्यूज़ 18 हिंदी के अनुसार, “बीजेपी नेता अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि गहलोत सरकार ने पहले केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के कई नेताओं के फोन टेप कराए। अब कॉन्ग्रेस विधायकों के फोन टेप से साफ हो गया कि अशोक गहलोत सरकार बचाने के लिए विधायकों की जासूसी करवा रहे हैं और उन पर निगरानी रख रहे हैं।”
बता दें कि फोन टैपिंग को लेकर गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह मामला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब सचिन पायलट दो दिनों से दिल्ली में अपनी माँगों को लेकर डेरा डाले बैठे हैं, लेकिन अभी तक उनकी आलाकमान से मुलाकात नहीं हुई है।
राजस्थान में अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल में 9 पद खाली हैं। सचिन पायलट का खेमा अकेले इनमें से 6-7 मंत्रीपद चाहता है। जबकि मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राजस्थान में CM गहलोत की कैबिनेट के लिए लगभग 35 नाम चर्चा में हैं। इनमें से वो 10 निर्दलीय विधायक भी हैं, जो अशोक गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। बीएसपी वाले वो 6 MLA भी हैं, जो अब कॉन्ग्रेसी हो चुके हैं। पायलट खेमे से अलग खुद कॉन्ग्रेस के लगभग 10 वरिष्ठ विधायक भी इस ताक में लगे हैं।
सचिन पायलट मामले को सुलझाने के लिए अब खुद सोनिया गाँधी अपने स्तर पर चीजों को देख रही हैं। इसके अलावा कयास यह भी है कि प्रियंका गाँधी वाड्रा से भी सचिन पायलट मुलाकात करेंगे।
सचिन पायलट ने 18 विधायकों के साथ पिछले साल जुलाई में भी बगावत का मन बनाया था, लेकिन उन्होंने कुछ समय बाद गहलोत सरकार में वापसी कर ली थी। हालाँकि, इस बार पायलट अपने तेवरों से उड़ान भरने को तैयार दिख रहे हैं। 10 महीने पहले उनसे किए वादे पूरे करने की माँग को लेकर पायलट सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं।