“देश के प्रधानमंत्री 24 घंटे यही सोचते हैं, सुबह उठते ही कहते हैं कि अडाणी-अंबानी को क्या दें, चलो आज एयरपोर्ट दे देते हैं, आज किसानों का खेत देते हैं…।” यह बात बीते 12 दिसंबर 2021 को कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कही थी। मौका था राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुई कॉन्ग्रेस की ‘महँगाई हटाओ’ महारैली का। अडानी पर इस तरह निशाना साधना राहुल के लिए नई बात नहीं है। लेकिन दिलचस्प यह है कि जिस राजस्थान में उन्होंने यह बात कही, वहीं पर अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने अडानी ग्रुप (Adani Group) को 1600 हेक्टेयर जमीन देने का फैसला किया है। वह भी राहुल की रैली के केवल तीन दिन बाद।
गहलोत मंत्रिमंडल की बुधवार (15 दिसंबर 2021) को हुई बैठक में 1500 मेगावाट का सोलर पार्क बनाने के लिए अडानी ग्रुप को जमीन देने के फैसले पर मुहर लगाई गई। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में राहुल गाँधी के विरोधाभासी रवैए को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
सोलर पार्क के लिए अडानी ग्रुप और राजस्थान सरकार ने एक जॉइंट वेंचर कंपनी बना रखी है। अब उसी को जमीन आवंटन किया जाएगा। कैबिनेट बैठक में राजस्थान सरकार की जॉइंट वेंचर कंपनी अडानी रिन्यूबल एनर्जी पार्क को जिलावार जमीन विभाजित की गई।
सोलर पार्क के लिए जैसलमेर के भीमसर, माधोपुरा, सदरासर गाँव में 1324.14 हेक्टेयर, बाटयाडू और नेडान गाँव में 276.86 हेक्टेयर जमीन देने पर सहमति दी गई। वहीं 30 मेगावाट विंड सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट के लिए अडानी ग्रुप को जैसलमेर के केरालियाँ गाँव में 64.38 हेक्टेयर सरकारी जमीन लीज पर मिलेगी। गौरतलब है कि गहलोत कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में राजस्व विभाग से जुड़े 5 मुद्दों पर फैसले लिए गए, जिसमें 4 फैसले अडाणी ग्रुप की जमीन आवंटन से जुड़े थे।
राहुल गाँधी पर दोहरे मापदंड को लेकर छिड़ी बहस
गहलोत सरकार के अडानी ग्रुप को जमीन देने के बाद अब सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस के दोहरे रवैए को लेकर लोग कई तरह की प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। आपको बता दें कि रैली के दौरान राहुल गाँधी ने केंद्र सरकार पर अडानी-अंबानी को फायदा पहुँचाने का आरोप लगाते हुए एयरपोर्ट, कोल मांइस, सुपर मार्केट आदि निजी हाथों में देने की बात कही थी।
राहुल ने कहा था, “आज आप जहाँ भी देखेंगे, आपको दो लोग दिखेंगे, रेल, पोर्ट… कहीं भी, ये उनकी गलती नहीं है। आपको कोई मुफ्त में दे तो क्या आप उनको वापस दे दोगे, गलती प्रधानमंत्री की है। लेकिन देश ऐसे नहीं चलता। देश गरीबों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों, छोटे व्यापारियों का है। जैसे वे रोजगार पैदा करते हैं। अडानी और अंबानी नौकरी नहीं देंगे।”
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों कोलकाता के राज्य सचिवालय ‘नाबाना’ में मशहूर उद्योगपति गौतम अडानी से मुलाकात की थी। दोनों के बीच पश्चिम बंगाल में निवेश के विकल्पों पर बातचीत हुई। अडानी ने इस बात की भी पुष्टि की थी कि वे अगले वर्ष अप्रैल में होने वाले बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में शिरकत करेंगे। इससे पहले ममता बनर्जी की टीएमसी भी मोदी सरकार पर अडानी को फायदा पहुँचाने का आरोप लगाती रही है।