Sunday, December 22, 2024
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प्रियंका गाँधी से 2 करोड़ रुपए में खरीदो पेंटिंग… कॉन्ग्रेसी नेताओं ने यस बैंक वाले राणा कपूर को ऐसे दी थी धमकी और लालच

“पेंटिंग के पेमेंट चेक के रूप में प्रियंका और सोनिया अगले ही सप्ताह चाहती हैं... आप इस मैसेज का रिप्लाई करें और बताएँ कि आप कब तक चेक दे रहे हैं।”

यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED: Enforcement Directorate, ईडी) के सामने बड़ा खुलासा किया है। राणा कपूर ने ईडी को बताया है कि उन्हें कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा से एमएफ हुसैन (MF Husain) की एक पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया था।

राणा कपूर ने यह भी बताया कि पेंटिंग बेच कर मिले पैसों का इस्तेमाल गाँधी परिवार ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के न्यूयॉर्क में इलाज के लिए किया था। मुबंई की एक विशेष अदालत में ED द्वारा दायर आरोप पत्र में यह बात सामने आई है।

कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने ‘यस बैंक’ के संस्थापक राणा कपूर को जो पेंटिंग बेची थी, उस पूरी प्रक्रिया में पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। इस बात का खुलासा भी खुद उन्होंने ही किया है।

राणा कपूर ने ईडी को यह भी बताया कि उन्हें पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने से इनकार करने पर गाँधी परिवार के साथ उनके संबंधों में खटास आ सकती है। संबंधों के अलावा एक धमकी ‘सम्मान’ की भी दी गई थी। इनकार करने पर ‘पद्म भूषण पुरस्कार नहीं मिलेगा’ – राणा कपूर को यह भी कहा गया था।

यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर ने पेंटिंग के लिए 2 करोड़ रुपए के चेक का भुगतान किया था। कपूर ने बताया कि मिलिंद देवड़ा ने बाद में उन्हें बताया था कि पेंटिंग से मिले पैसों का इस्तेमाल गाँधी परिवार ने न्यूयॉर्क में सोनिया गाँधी के इलाज के लिए किया था।

राणा कपूर ने ईडी को यह भी बताया कि सोनिया गाँधी के करीबी अहमद पटेल ने उनसे कहा था कि सोनिया के इलाज के लिए सही समय पर गाँधी परिवार की मदद करके अच्छा काम किया है। इसलिए ‘पद्म भूषण’ पुरस्कार के लिए मेरे नाम पर विचार किया जाएगा।

बता दें कि साल 2020 में ‘ऑपइंडिया’ को विश्वस्त सूत्रों ने बताया था कि मिलिंद देवड़ा और राणा कपूर के बीच इस पेंटिंग की बिक्री को लेकर तेज़त के माध्यम से बातचीत भी हुई थी। मिलिंद अपने ब्लैकबेरी के फोन से राणा से बात किया करते थे। यहाँ वो राणा कपूर को ‘अंकल’ कह कर सम्बोधित करते हैं। ऑपइंडिया के सूत्रों की मानें तो मिलिंद देवड़ा ने मई 29, 2010 को राणा कपूर को भेजे मैसेज में लिखा था:

“राणा अंकल, मई 28, 2010 को मुझे आपका पत्र मिला और मैंने उसे प्रियंका गाँधी को भेज दिया है। हालाँकि, अभी तो उनके या उनके परिवार के साथ अपनी मुलाक़ात नहीं हो सकेगी लेकिन कुछ दिनों बाद मैं इसके लिए पूरा प्रबंध करा दूँगा। पेंटिंग के पेमेंट चेक के रूप में प्रियंका और सोनिया अगले ही सप्ताह चाहती हैं। मेरे पिता को भी इस बारे में बताया गया है और उन्होंने भी आपसे संपर्क करने की असफल कोशिश की थी। दुर्भाग्य से चीजें काफ़ी देरी से हो रही हैं। आप इस मैसेज का रिप्लाई करें और बताएँ कि आप कब तक चेक दे रहे हैं। मुझे मेरे पिता को इस बारे में तुरंत बताना है। आप मैसेज देख रहे हैं तो जल्द रिप्लाई करें।”

प्रवर्तन निदेशालय ने अपने दूसरे पूरक आरोप पत्र में यह भी कहा है कि वह यस बैंक के साथ पूर्व-डीएचएफएल से जुड़े 5050 करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जाँच भी कर रही है। इस मामले में यस बैंक के सह-संस्थापक, उनका परिवार, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन के प्रमोटर भी सह-आरोपित हैं।

गौरतलब है कि ईडी ने दो साल पहले मुंबई की अदालत को बताया था कि ‘यस बैंक’ ने डीएचएफएल के 3700 करोड़ रुपए के मूल्य से भी अधिक के डिबेंचर ख़रीदे थे। डीबीएचएल ने डोलीट अर्बन वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को 600 करोड़ का लोन दिया था। दिलचस्प यह कि इस कम्पनी में राणा कपूर की बेटियाँ बतौर डायरेक्टर कार्यरत थीं।

यस बैंक ने बिना पर्याप्त कोलैटरल के उक्त लोन दे दिया था और नियमों की अनदेखी की गई थी। दोनों कंपनियों के करार में 4300 करोड़ रुपए की गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद कोर्ट ने राणा कपूर को ईडी की कस्टडी में भेज दिया था। इसके अलावा कपूर परिवार के पास ED को 44 महँगी पेंटिंग्स मिली थी। इनमें से कई राजनेताओं से ख़रीदी गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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