उत्तर प्रदेश में दोबारा शपथग्रहण के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यकाल का अपना पहला निर्णय गरीबों के हित में लिया है। उन्होंने ऐलान किया, “उत्तर प्रदेश में लोक कल्याण हेतु संचालित ‘निःशुल्क राशन वितरण’ को अगले तीन माह तक और बढ़ाने का निर्णय आपकी सरकार ने लिया है।” बता दें कि शुक्रवार (25 मार्च, 2022) को योगी आदित्यनाथ ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा के तमाम बड़े नेता मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश में लोक कल्याण हेतु संचालित 'निःशुल्क राशन वितरण' को अगले तीन माह तक और बढ़ाने का निर्णय आपकी सरकार ने लिया है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 26, 2022
शपथग्रहण योगी सरकार के ‘2.0’ कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें ये निर्णय लिया गया। इससे राज्य की 15 करोड़ जनता को बड़ी राहत मिलेगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना के दौरान ‘प्रधानमंत्री अन्न योजना’ की शुरुआत की थी, जिसका लाभ देश के 80 करोड़ गरीबों को मिल रहा था। अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2022 तक लोगों ने इस योजना का लाभ लिया। उत्तर प्रदेश में इसके अंत्योदय और गृहस्थ लाभार्थियों की संख्या 15 करोड़ है।
वहाँ के लिए राज्य सरकार ने अपनी तरफ से योजना शुरू की थी, जो अप्रैल 2020 में तीन महीने के लिए लागू किया गया था। इसके बाद इसे पहले तीन महीने और फिर चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। इसके तहत अंत्योदय परिवार को 35 किलो खाद्यान्न और पात्र गृहस्थी के परिवारों को प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न दिया जाता है। हर एक परिवार को 1 किलो दाल, 1 किलो रिफाइंड तेल और 1 किलो आयोडाइज्ड नमक भी उपलब्ध कराया जा रहा था।
इसके साथ ही राज्य की भाजपा सरकार अपनी तरफ से एक-एक किलो चीनी भी लोगों को दे रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार पहले भी जनता के साथ खड़ी रही और कोरोना जैसी महामारी के समय भी पूरी मदद की गई। इस योजना के तहत 3270 करोड़ रुपए का खर्च आता है। खाद्य एवं रसद विभाग ने इस बाबत प्रस्ताव भेजा था। पहले कार्डधारकों से गेहूँ के 2 रुपए और चावल के 3 रुपए प्रति किलो के हिसाब से लिए जाते थे, लेकिन अब इस खर्च का वहन राज्य सरकार खुद कर रही है।