Sunday, November 17, 2024
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काशी विश्वनाथ से लेकर माँ वैष्णो देवी और बद्रीनाथ धाम तक: गणतंत्र दिवस परेड की झाँकियों में खास

माँ वैष्णों देवी से लेकर काशी विश्वनाथ और बाबा बद्रीनाथ धाम को राज्यों की झाँकियों में प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को भी एक बार फिर इन झाँकियों के माध्यम से याद कराया गया।

पूरा देश आज अपने 73 वें गणतंत्र दिवस की खुशियाँ मना रहा है। इस बीच राजपथ से भी विराट भारत की तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। वहाँ माँ वैष्णों देवी से लेकर काशी विश्वनाथ और बाबा बद्रीनाथ धाम को राज्यों की झाँकियों में प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को भी एक बार फिर इन झाँकियों के माध्यम से याद कराया गया। देश में हुए छोटे-बड़े विकास की झलक गणतंत्र दिवस की परेड में देखते ही बनती है।

परेड की शुरुआत से पहले विंग कमांडर्स ने हेलीकॉप्टर से राजपथ पर पुष्पवर्षा की। इसके बाद देश की सामरिक शक्ति का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान राजपूत रेजीमेंट के मार्चिंग दस्ते ने 1950 में इस्तेमाल की जाने वाली भारतीय सेना की यूनिफॉर्म पहनकर परेड की जबकि जवानों ने 1947-48 में इस्तेमाल की जाने वाली राइफल को उठाया। परेड में आजादी के बाद से अब तक हुए सेना की यूनिफॉर्म और हथियारों के बदलाव को प्रदर्शित किया गया है।

इसके बाद मराठा, मद्रास और कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर और असम रेजिमेंट के संयुक्त बैंड ने दिल्ली में राजपथ पर रिपब्लिक डे परेड में भाग लिया। इनके बाद वायु सेना बैंड भी परेड में भाग लेता दिखा। वायुसेना की एक टुकड़ी ने भी राजपथ पर मार्च कर इस परेड की शान बढ़ाई। धीरे-धीरे सेना की विभिन्न टुकड़ियों ने राजपथ पर मार्च किया।

परेड में राज्यों की झाँकियाँ

इसके बाद बारी आई भारत के समृद्ध वैभव दर्शन की। सबसे पहले मेघालय की झाँकी सलामी मंच पर पहुँची। मेघालय की झाँकी में उनके 50 सालों का प्रदर्शन है और साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को सम्मान भी। इस झाँकी में बांस और बेंत से हस्तशिल्प को प्रस्तुत किया गया है। फिर गुजरात की झाँकी में आदिवासी क्रांतिवीरों की समर्पित दिखाई दी। एक सदी पहले जो जनजातियों ने ब्रिटिशों की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई थी ये झाँकी उन्हीं वीरों को श्रद्धांजलि है।

हरियाणा की झाँकी में खेलों पर फोकस को साफ देखा जा सकता है। तस्वीर में देख सकते हैं कि कैसे टोक्यो ओलंपिक में खिलाड़ियों ने जो देश का नाम रौशन किया उसे इस झाँकी के माध्यम से दिखाया जा रहा है। नीरज चोपड़ा द्वारा देश के लिए जीता गया स्वर्ण पदक भी इस झाँकी का मुख्य आकर्षण है। उत्तराखंड की झाँकी में सिखों के प्रमुख तीर्थ हेमकुंड साहिब, टिहरी डैम, बद्रीनाथ धाम समेत चार धाम के लिए चल रही योजना ‘ऑल-वेदर रोड’ का प्रदर्शन है। अगली झाँकी अरुणाचलप्रदेश की दिखाई गई। फिर कर्नाटक की झाँकी को दिखाया गया जिसमें पारंपरिक हस्तशिल्प कला को दिखाया गया है।

इसमें कमला देवी को सम्मान दिया गया है जिन्होंने पारंपरिक हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करने का काम किया। परेड में इस बार जम्मू-कश्मीर की झाँकी को भी शामिल किया गया है। जम्मू-कश्मीर वाली झाँकी में देख सकते हैं कि कैसे वहाँ की प्रगति को दिखाया गया है। इसमें चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल भी देखने को मिलता है। इसके अलावा माँ वैष्णो का भवन भी नजर आता है। उत्तर प्रदेश की झाँकी में काशी विश्वनाथ का मंदिर मुख्य आकर्षण है और माँ गंगा की भी झलक है। पंजाब की झाँकी में आजादी के समय दिया गया योगदान प्रदर्शित किया गया। इस झाँकी में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के अलावा उधम सिंह को दिखाया गया।

पीएम ने राष्ट्रीय वार मेमोरियल पर दी श्रद्धांजलि

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोगी ने नेशनल वार मेमोरियल पहुँचकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पिक कर दी है। उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव अजय कुमार और सेना के तीनों अंगों यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख मौजूद रहे।

गणतंत्र दिवस पर राजपथ

राजपथ से सामने आई तस्वीरों में देख सकते हैं कि कैसे इस बार राजपथ में अनसंग हीरोज के साथ देश के लिए बलिदान होने वाले सैनिकों को सम्मान दिया गया है। राजपथ पर सम्मान देने के बाद उनके बलिदान और बहादुरी को याद किया गया। । परेड की बात करें तो गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झाँकियों को चुना गया है। इसमें मंत्रालय से जुड़ी 9 झाँकियाँ भी शामिल हैं।

इन राज्यों में हरियाणा, मेघालय, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र का नाम शामिल है। वहीं मंत्रालयों की बात करें तो संस्कृति मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, विधि और न्याय मंत्रालय, शिक्षा और कौशल विकास मंत्रालय, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, भारतीय डाक विभाग, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, डीआरडीओ और तीनों सेनाओं से जुड़े अत्याधुनिक हथियारों व विमानों की झाँकियाँ भी शामिल हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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