केरल के सबरीमाला मंदिर में इसी साल जनवरी के महीने में पहली बार छुप कर प्रवेश करने वाली दो महिलाओं में से एक बिन्दू अम्मिनी पर मिर्ची पाउडर फेंका गया है। अम्मिनी ने कहा, “आज सुबह एर्नाकुलम शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर एक आदमी ने मेरे चेहरे पर मिर्च पाउडर छिड़क दिया।”
Kerala: Bindu Ammini, one of the two women who first entered the #Sabarimala temple in January this year, says, “a man sprayed chilli and pepper at my face,”outside Ernakulam city police commissioner’s office today morning. pic.twitter.com/lt2M58264k
— ANI (@ANI) November 26, 2019
बता दें कि 16 नवंबर को दो महीने तक चलने वाले तीर्थयात्रा के लिए सबरीमाला मंदिर के कपाट खोले गए थे। कपाट खुले 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक मंदिर में किसी महिला को प्रवेश करने नहीं दिया गया है। 10 साल की नाबालिग लड़की से लेकर 50 साल की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है।
Kerala: Bindu Ammini, who had visited #Sabarimala temple in January, sprayed with chilli powder in front of Kochi commissioner’s office#sabarimalatemple pic.twitter.com/YVKjwelCqD
— TOI Kochi (@TOIKochiNews) November 26, 2019
इधर, सबरीमाला मंदिर का दर्शन करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई, कोच्चि पहुँच चुकी हैं। उन्होंने सबरीमाल मंदिर में प्रवेश करने की योजना बनाई है। उन्हें रोकने के लिए भी वहाँ पर कुछ लोग पहरा दे रहे हैं। तृप्ति ने कहा, “हम आज संविधान दिवस पर सबरीमाला मंदिर जाएँगे। हमें मंदिर जाने से न तो राज्य सरकार और न ही पुलिस रोक सकती है। चाहे हमें सुरक्षा मिले या न मिले, हम आज मंदिर जाएँगे।” त़प्ति ने 15 नवंबर को भी कहा था कि वो 20 नवंबर के बाद सबरीमाला जाएँगी।
Women’s rights activist Trupti Desai at Kochi, early morning today: We’ll visit #Sabarimala temple today on Constitution Day. Neither state government nor police can stop us from visiting the temple. Whether we get security or not we will visit the temple today. pic.twitter.com/7f4WMK6opI
— ANI (@ANI) November 26, 2019
वहीं बताया जा रहा है कि मंगलवार (नवंबर 26, 2019) सुबह बिंदू अम्मिनी, एर्नाकुलम पुलिस आयुक्त के कार्यालय के पास खड़ी थी, तभी एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर मिर्च पाउडर छिड़क दिया। बिंदू वहाँ पर पुलिस सुरक्षा लेने के लिए गई थीं, क्योंकि वह इस साल फिर से सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करना चाहती हैं।
बिंदू ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि पुलिस बहुत गैर जिम्मेदार है और उन्होंने उस बदमाश को गिरफ्तार करने की कोशिश नहीं की, जिसने उन पर हमला किया। बिंदू ने कहा कि उन्होंने पुलिस से उस आदमी को गिरफ्तार करने का अनुरोध भी किया, लेकिन पुलिस फिर भी सक्रिय नहीं हुई।
उल्लेखनीय है कि मंदिर की परंपराओं को जबरन तोड़ने के लिए कम्युनिस्ट सरकार द्वारा पिछले साल बिंदू और कनकदुर्गा नाम की एक अन्य महिला को सबरीमाला मंदिर में घुसा दिया गया था। वे दोनों कथित तौर पर सीपीएम कार्यकर्ता थे और उनके साथ पुलिसकर्मी भी थे, जो धर्मस्थल के अंदर सादे कपड़ों में थे। सबरीमाला मंदिर में उपस्थित भक्तों ने आरोप लगाया था कि इन दोनों को पिछले साल 2 जनवरी को सुबह-सुबह वीआईपी प्रवेश द्वार से चोरी-छिपे आँख बचाकर प्रवेश करवाया गया था।
दो सीपीआईएम महिला कार्यकर्ताओं बिंदू और कनकदुर्गा को मंदिर में प्रवेश कराने के लिए उठाए गए अनधिकृत कदम को लेकर हाईकोर्ट की निगरानी समिति ने केरल पुलिस और पठानमित्त प्रशासन को लताड़ लगाई थी, जिससे पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली केरल सरकार को एक समुदाय की परंपराओं और भावनाओं की अवहेलना करने और मंदिर के अंदर कार्यकर्ताओं और नास्तिकों को प्रवेश कराने के लिए बल का उपयोग करने को लेकर हिंदुओं के भायनक विरोध और क्रोध का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि गुरुवार (नवंबर 14, 2019) को सबरीमाला मामले पर सुप्रीम कोर्ट से निर्णायक फैसला नहीं आया। क्योंकि 5 जजों की पीठ में से 3 जज इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेजे जाने के पक्ष में रहे जबकि 2 जजों ने इससे संबंधित याचिका पर ही सवाल उठा दिए। जिसके बाद पीठ ने सबरीमाला मामले में फैसला सुनाने के लिए बड़ी पीठ (7 जजों की बेंच) को प्रेषित कर दिया।