उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती मुस्लिमों के सहारे अपने-अपने दलों की वैतरणी पार लगाने का ख्वाब देख रहे हैं। तभी तो अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बसपा खुल कर मुस्लिमों को टिकट बाँट रही है, वो भी चुपचाप। वो नहीं चाहते हैं कि जनता में उनकी ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ वाली छवि बने, इसीलिए बातें राम और कृष्ण की कर रहे है और टिकट मुस्लिमों को बाँटे जा रहे हैं। आइए, हम आपको आँकड़े बताते हैं।
पहले चरण के चुनाव के लिए सपा-रालोद गठबंधन ने 13 मुस्लिमों को उम्मीदवार बनाया था, जबकि दूसरे चरण के लिए 10 और मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। लेकिन, इसकी आधिकारिक घोषणा करने से बचा जा रहा है। बताया जा रहा है कि दूसरे चरण के लिए अभी और भी मुस्लिमों को टिकट दिए जा सकते हैं। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहले चरण के लिए 17 मुस्लिमों को टिकट दिया था। दूसरे चरण में भी बहुजन समाज पार्टी ने 23 उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
कुल मिला कर बसपा अब तक दोनों चरणों में 40 मुस्लिम नेताओं को उम्मीदवार बना चुकी है। इन दो चरणों में 113 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने हैं। प्रतिशत की बात करें तो जहाँ अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने अब तक अपने कुल 20% टिकट मुस्लिमों को दिए हैं, वहीं मायावती की बसपा इस मामले में 35% के आँकड़े के साथ उससे आगे है। भाजपा ने अब तक एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है। सपा ने आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन उम्मीदवारों की संपत्ति सम्बन्धी ब्योरे के अपलोड किए जाने के बाद ये आँकड़े सामने आए हैं।
चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के हिसाब से ऐसा करना अनिवार्य है। अमरोहा, मीरगंज, बेहट, सीशमाऊ, भोजीपुरा, बहेरी, चमरुहा, धामपुर, शाहजहाँपुर, चाँदपुर और चाँदपुर और ठकुरवाड़ा से सपा ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। एक वरिष्ठ नेता के हवाले से ‘News 18’ ने बताया कि मायावती को काउंटर करने के लिए सपा अभी दूसरे चरण के लिए और मुस्लिम उम्मीदवार घोषित करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता को आगाह किया है कि गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को वो वोट न करें।
उदाहरण के लिए कैराना से सपा ने नाहिद हसन को टिकट दिया है, जिन्हें दंगा कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर कैराना से हिन्दू परिवारों को पलायन के लिए मजबूर करने का भी आरोप है। बुलंदशहर से मोहम्मद यूनुस सपा के उम्मीदवार हैं, जिन पर कई FIR दर्ज हैं। अमरोहा से महबूब अली पर अखिलेश यादव ने भरोसा जताया है, जिनका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है। मीरगंज से सुल्तान बेग को उतारा गया है, जिन पर गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है। चमरुहा सीट के नसीर अहमद खान पर धोखाधड़ी और साजिश सहित 29 मामले दर्ज हैं।