उत्तर प्रदेश के कैराना से शनिवार (15 जनवरी 2022) को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नाहिद हसन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यूपी पुलिस ने नाहिद को कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले चरण के चुनाव के नामांकन के पहले दिन ही नाहिद हसन के प्रस्तावकों ने वकील की मौजूदगी में एसडीएम कोर्ट शामली में पर्चा दाखिल कराया।
समाजवादी पार्टी द्वारा गुरुवार (13 जनवरी 2022) को शामली जिले की कैराना सीट के लिए नाहिद हसन का नाम घोषित किया गया था। उनके खिलाफ पुलिस में दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। लम्बे समय तक फरार रहने वाले नाहिद हसन ने जनवरी 2020 में अदालत में सरेंडर किया था। लगभग 1 माह से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली थी। फरवरी 2021 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने नाहिद हसन, उनकी माँ पूर्व सांसद तबस्सुम और 38 अन्य लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।
नाहिद को कैराना से हिन्दुओं के अतिचर्चित पलायन का मास्टरमाइंड भी कहा जाता है। भाजपा ने रालोद-सपा गठबंधन में नाहिद हसन को दोबारा टिकट दिए जाने को समाजवादी पार्टी का ‘जिन्नावाद’ बताया है। साथ ही सपा के इस फैसले पर बीजेपी नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि हसन पर जमीन खरीदने के मामले में धोखाधड़ी का भी केस दर्ज है। इसके अलावा शामली जिले की विशेष अदालत से उसे भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है।
बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था, “अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में जिस कैराना से हिन्दुओं को पलायन करने पर मजबूर किया था आज उसी विधानसभा क्षेत्र से कुख्यात गैंगस्टर को प्रत्याशी बनाकर समाजवादी पार्टी कैराना को फिर से उसी कालखंड में ले जाना चाहती है!”