संदेशखाली के ‘शैतान’ शेख शाहजहाँ को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि सीबीआई और ईडी भी उसकी गिरफ्तारी कर सकती हैं, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार शेख शाहजहाँ का कुछ ऐसे बचाव कर रही है, जैसे वो ममता सरकार का ‘सबसे कीमती’ आदमी हो। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार (05 मार्च 2024) को जब सीबीआई को शेख शाहजहाँ को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति दी, तो ममता बनर्जी की सरकार तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई। ममता बनर्जी की सरकार शेख शाहजहाँ को सीबीआई को सौंपने का विरोध कर रही है। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को झटका दे दिया।
ममता बनर्जी की सरकार ने संदेशखाली और शेख शाहजहाँ मामले में सीबीआई जाँच के तुरंत सुनवाई की माँग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई तुरंत करने की जगह इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को फैसला करना है कि मामले की सुनवाई कब हो।
बता दें कि मंगलवार (5 मार्च) को कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी टीम पर हमले की जाँच को सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए थे। दरअसल, ममता सरकार का कहना है कि एसआईटी इस मामले की गंभीरता से जाँच कर रही है। सीबीआई को मामला सौंपना बिल्कुल गलत है। ममता सरकार का दावा है कि पश्चिम बंगाल सरकार की एसआईटी की जाँच सही दिखा में जा रही है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जाँच के खिलाफ पहुँची ममता बनर्जी की सरकार ने तुरंत दूसरी अर्जी भी दाखिल की थी और इस मामले की तुरंत सुनवाई की माँग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट 2 सदस्यीय पीठ ने कहा कि ये काम आप सीजेआई को करने दें, वो लंच के बाद इस केस को सूचीबद्ध करने पर फैसला लेंगे। ये उन्हीं का विशेषाधिकार है।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अदालत में ये अर्जी लगाई थी। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई जाँच सौंपे जाने के हाई कोर्ट के फैसले पर सीबीआई तुरंत शेख शाहजहाँ को अपने कब्जे में लेना चाहती है, जबकि हमारे राज्य की एसआईटी इस मामले की जाँच कर रही है। ऐसे में शेख शाहजहाँ को सीबीआई को तुरंत नहीं सौंपना चाहिए।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ ईडी को याचिका दायर करने की दी अनुमति
इस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार (06 मार्च 2024) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस बात की अनुमति दे दी कि वो पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर कर सके। हाई कोर्ट ने शेख शाहजहाँ को ईडी और सीबीआई को सौंपने के निर्देश पश्चिम बंगाल सरकार को दिए थे, लेकिन पश्चिम बंगाल पुलिस और सरकार ने शेख शाहजहाँ को सीबीआई को नहीं सौंपा था। इस मामले में ईडी के वकील कलकत्ता हाई कोर्ट से अवमानना की कार्रवाई के तहत केस दर्ज कराने की अनुमति माँगी थी, जिसे कलकत्ता हाई कोर्ट ने मान लिया।
गौरतलब है कि पिछले महीने राशन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय शाहजहाँ शेख के घर छापा मारने आई थी। हालाँकि उसके समर्थकों ने ईडी पर ही उलटा हमला कर दिया और शाहजहाँ शेख फरार हो गया। उसके बाद से टीएमसी नेता कहाँ था ये किसी को नहीं पता था। बाद में संदेशखाली में महिलाओं का मुद्दा उठा और गिरफ्तारी की माँग तेज हो गई। कई टीएमसी नेता पकड़े गए और आखिर में 27 फरवरी शाहजहाँ शेख भी गिरफ्तार हुआ।