AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को जेल से रिहा कर दिया गया है। शराब घोटाले में वो 6 महीने जेल में रहे, जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है। AAP के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी फ़िलहाल जेल में हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी पार्टी के कार्यकर्ता जश्न मनाते दिखे। तिहाड़ जेल से बाहर निकले संजय सिंह ने कहा कि जेल के ताले टूटेंगे और सभी AAP नेता छूटेंगे। उनका इशारा अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की तरफ था।
कार्यकर्ता इतना जश्न मनाने लगे कि संजय सिंह को उन्हें टोकना पड़ा। हाल ही में दोबारा राज्यसभा सांसद बनाए गए संजय सिंह ने कहा कि अभी जश्न मनाने का वक्त नहीं है, संघर्ष का समय है। इस दौरान वो हाथ जोड़ कर कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार करते दिखे। उनके भाषण पर कार्यकर्ताओं ने हल्ला कर के उनका समर्थन किया। इस दौरान तिहाड़ जेल के बाहर मीडिया की भी भारी भीड़ दिखी। संजय सिंह ने गाड़ी के ऊपर चढ़ कर भाषण दिया।
इधर उनके जेल से बाहर आने के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि अब AAP का नेतृत्व कौन करेगा, क्योंकि पार्टी के सबसे बड़े नेता जेल में हैं। सुनीता केजरीवाल 3 बार अपने पति की कुर्सी पर बैठ कर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुकी हैं, I.N.D.I. गठबंधन की रैली में भाषण दे चुकी हैं और आम आदमी पार्टी के विधायकों-मंत्रियों की बैठक भी तलब कर चुकी हैं। उधर आतिशी और सौरभ भारद्वाज जैसे मंत्री अपने नेता की गिरफ़्तारी के खिलाफ आक्रामक हैं।
#WATCH दिल्ली: AAP नेता संजय सिंह तिहाड़ जेल से रिहा होने पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "यह वक्त जश्न मनाने का नहीं है… यह वक्त संघर्ष करने का है… हमारी पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल में रखा गया है, हमें पूरा भरोसा है कि… pic.twitter.com/YmEnmJsxLT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 3, 2024
संजय सिंह जेल से छूटने के बाद अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता से मिलने भी जाएँगे। ढोल-नगाड़ों के साथ संजय सिंह का स्वागत हुआ, उनके पिता के ऊपर फूलों की बारिश की गई। सौरभ भारद्वाज भी उनके स्वागत के लिए तिहाड़ जेल पहुँचे थे। अब संजय सिंह की पार्टी में भूमिका क्या होगी? इस सवाल पर आतिशी का कहना है कि वो बड़े भाई की तरह हैं और उनके बाहर आने से कार्यकर्ता खुश हैं। जबकि सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब तक सभी नेता छूट कर नहीं आ जाते, जश्न नहीं मनाया जाएगा।