भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार (9 अगस्त 2024) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला। अनुसूचित जाति व जनजातियों के इस प्रतिनिधिमंडल ने PM मोदी से मिल कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रीमी लेयर पर की गई टिप्पणी पर चिंता जताई। प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा। इस मुलाकात का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने X हैंडल पर भी किया है। ट्वीट में उन्होंने SC/ST समुदाय की भलाई और बेहतरी के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सिकंदर कुमार भी शामिल थे। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वो सभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी से चिंतित थे और इस बावत उन्हें लोगों के फोन भी आ रहे थे। बकौल सिकंदर उनके साथ गए प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को अपनी चिंताओं से अवगत करवाया है।
सिकंदर कुमार का दावा है कि PM मोदी ने उन्हें भरोसा दिया है कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था को नहीं लागू होने देगी। सिकंदर कुमार ने इस आश्वासन के लिए नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया।
इसी प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी के एक अन्य सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल थे। उन्होंने साथी सांसदों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि क्रीमी लेयर के मुद्दे पर सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई व्यवस्था को लागू न करे।
फग्गन सिंह कुलस्ते के मुताबिक PM मोदी ने उन्हें निश्चिन्त रहने के लिए कहा है। उनका दावा है कि प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसदों व प्रधानमंत्री मोदी की राय एक जैसी ही थी। फग्गन सिंह कुलस्ते ने इस मुलाक़ात को सार्थक और सकारात्मक बताया।
Met a delegation of SC/ST MPs today. Reiterated our commitment and resolve for the welfare and empowerment of the SC/ST communities. pic.twitter.com/6iLQkaOumI
— Narendra Modi (@narendramodi) August 9, 2024
इस मुलाकात का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने X हैंडल पर किया है। ट्वीट में उन्होंने कहा कि सरकार SC/ST वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच शुक्रवार (9 अगस्त) को लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर समाज को गुमराह न होने की अपील की है।
शिवसेना उद्धव गुट के सांसद भाऊसाहेब वाकचौरे के एक सवाल पर अर्जुन मेघवाल ने कहा कि जिस मुद्दे पर विवाद खड़ा करने की कोशिश चल रही है, वो सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं बल्कि टिप्पणियाँ हैं। अर्जुन मेघवाल ने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि वो लोगों को भ्रामक तथ्यों से गुमराह कर रहे हैं।
अनुसूचित जाति व जनजातियो में subcategorisation के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के विभिन्न जजो ने अपने observation व्यक्त किए हैं,जो निर्णय का हिस्सा नहीं है। इस गंभीर मुद्दे पर विपक्षी दलों द्वारा झूठी अफ़वाह व समाज को गुमराह करने का कार्य किया जा रहा है। मोदी सरकार अनुसूचित… pic.twitter.com/QQpLw4QUsF
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) August 9, 2024
बताते चलें कि जिस टिप्पणी पर यह विवाद खड़ा हुआ है, वह उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बीआर गवई द्वारा की गई थी। इसी माह 1 अगस्त को उन्होंने कहा था कि राज्यों को एससी और एसटी के बीच क्रीमी लेयर की पहचान करने के लिए एक नीति बनानी चाहिए और उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित करना चाहिए।