महाराष्ट्र में चल रही सियासी उठापटक के बीच शरद पवार को एक और झटका लगा है। नागालैंड में 7 विधायकों समेत पूरी राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) अजित पवार के समर्थन में आ गई है। इससे पहले अजित पवार एनसीपी के कई विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए थे। अब शरद पवार और उनके भतीजे अजित के बीच पार्टी पर कब्जे की लड़ाई चल रही है।
नागालैंड से मिले समर्थन को लेकर एनसीपी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसमें कहा गया है कि नागालैंड एनसीपी के प्रदेश व जिले के नेताओं ने विचार-विमर्श के बाद अजित पवार के नेतृत्व में काम करने का फैसला किया है। नागालैंड के प्रदेश अध्यक्ष वानथुंग ओडियो ने पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे से मुलाकात की। साथ ही ओडियो ने 7 विधायकों सहित सभी पदाधिकारियों के समर्थन के शपथ-पत्र सौंपे।
वानथुंग ओडियो ने भी एक बयान में इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि नागालैंड में एनसीपी के सभी 7 विधायकों ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को समर्थन पत्र भेजा है।
All the seven NCP MLAs in Nagaland have sent a letter of support to Ajit Pawar, Deputy Chief Minister Maharashtra:Vanthungo Odyuo, President of the Nagaland unit of the Nationalist Congress Party
— ANI (@ANI) July 20, 2023
बता दें कि 2 जुलाई को अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस दौरान उनके साथ एनसीपी के 8 विधायकों को भी मंत्री बनाया गया था। शुरुआत में शरद पवार के दावों से ऐसा लग रहा था कि अजित पवार के पास पर्याप्त विधायकों की संख्या नहीं है। लेकिन उनकी बैठक में 29 विधायक पहुँचे थे। वहीं शरद पवार की मीटिंग में महज 13 पार्टी विधायक ही पहुँचे थे। इससे अजित पवार का दावा पार्टी पर मजबूत दिखता है। एनसीपी पर चाचा-भतीजे की लड़ाई चुनाव आयोग भी पहुँच चुकी है। दोनों गुटों ने पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ और नाम ‘राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी’ पर अपना-अपना दावा ठोंक रखा है।