महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख का नाम 100 करोड़ की वसूली के प्रयास में आने के बाद उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वहीं शरद पवार की NCP के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि अनिल देशमुख इस्तीफा नहीं देंगे।
NCP के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि परमबीर सिंह ने किसी को खुश करने के लिए ये पत्र लिखा है। उन्होंने शिवसेना का भी बचाव करते हुए कहा कि सचिन वाजे को पार्टी से जोड़ना ठीक नहीं।
परमबीर सिंह ने अपने पत्र की एक प्रति राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भी भेजी है, जिसमें लिखा है कि एंटीलिया केस में गिरफ्तार किए गए निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के माध्यम से अनिल देशमुख ने 100 करोड़ प्रतिमाह की उगाही का लक्ष्य रखा था। वहीं NCP के संस्थापक-अध्यक्ष शरद पवार ने अनिल देशमुख से लंबे समय तक फोन पर बातचीत की, जिसमें देशमुख ने सफाई में अपना पक्ष रखा।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी बातचीत कर के अपने बचाव में पक्ष रखा। भाजपा नेता राम कदम ने पूछा है कि सचिन वाजे अपनी गाड़ी में कैश गिनने वाली मशीन लेकर क्यों चलते थे? उन्होंने अनिल देशमुख का नार्को टेस्ट और इस्तीफे तक अपना आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी का पक्ष नहीं ले रही, लेकिन परमबीर सिंह के खुलासे के बाद अनिल देशमुख से पूछताछ होनी चाहिए।
परमबीर सिंह ने पत्र में दावा किया है कि सचिन वाजे ने अनिल देशमुख से कहा था कि 1 महीने में 100 करोड़ की उगाही का लक्ष्य बहुत ज्यादा है और वो मुश्किल से इसका आधा ही जुटा सकते हैं, जिसके बाद उन्हें ‘नए तरीके ईजाद करने’ का निर्देश गृह मंत्री से मिला था। उधर संसद सत्र के दौरान दिल्ली में रह रहे शरद पवार ने अपने भतीजे व महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के साथ-साथ जयंत पाटिल को भी वहीं तलब किया है।
देशमुख का हटना तय, कांग्रेस ने भी मांगा इस्तीफा, एक बार फिर पवार बनेंगे MVA के संकटमोचक? #MaharashtraGovernment https://t.co/6PneiPDKNJ
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) March 21, 2021
उद्धव ठाकरे की सरकार दबाव में आ गई है और तीन पार्टियों के सूत्रधार के रूप में काम कर रहे बुजुर्ग शरद पवार अब इन नेताओं से बातचीत कर के अनिल देशमुख के राजनीतिक भविष्य पर फैसला लेंगे। नागपुर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि चूँकि उद्धव सरकार के 15 महीने हो गए हैं, उसे 1500 करोड़ रुपए की उगाही का हिसाब जनता को देना चाहिए।
परमबीर सिंह के पत्र की एक और बड़ी बात ये है कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण के साथ-साथ दादर एंड नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र से 7वीं बार सांसद बने मोहन डेलकर की आत्महत्या वाले मामले का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट के हिसाब से दादर एंड नगर हवेली में अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात लिखी थी लेकिन गृह मंत्री देशमुख उन पर बार-बार केस रजिस्टर करने का दबाव बना रहे थे और नहीं चाहते थे कि वो इस पर वकीलों की राय लें।