प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के कारण कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर अपनी पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। लेकिन लगता नहीं है कि शशि थरूर पीएम मोदी को लेकर अपने मत पर पीछे हटने वाले हैं।
केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी द्वारा इस मामले पर स्पष्टीकरण माँगने के बाद शशि थरूर ने अपनी ही पार्टी के नेताओं को राय दे डाली है। शशि थरूर ने स्पष्टीकरण माँगने वालों को कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि यदि कॉन्ग्रेस नेता उनकी राय से सहमत नहीं भी हैं तब भी उन्हें उनके विचार की कद्र करनी चाहिए।
कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा- “मैं नरेंद्र मोदी सरकार का एक कठोर आलोचक रहा हूँ और मुझे उम्मीद है कि सकारात्मक आलोचक रहा हूँ। समावेशी मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों के कारण ही मैंने लगातार 3 बार चुनाव जीता है। मैं अपने कॉन्ग्रेस के साथियों से निवेदन करता हूँ कि मेरे विचारों की कद्र करें, यदि वे उससे सहमत नहीं हैं, तब भी।”
I’ve been a strong critic of the Modi government, & i hope a constructive one. My staunch defence of inclusive values& constitutional principles has won me 3 elections. I urge my fellow Congressmen to respect my approach even when they don’t agree with it:https://t.co/nqX7COeyim
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 27, 2019
समाचार पोर्टल ‘द प्रिंट’ पर एक लेख में शशि थरूर ने इस पूरे मामले पर अपनी बात कही है। थरूर ने लिखा है- “पहले मेरे साथी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, जिनकी विश्वसनीयता पर संदेह नहीं किया जा सकता, ने कहा कि पीएम मोदी को हर समय ‘खलनायक’ की तरह पेश करना गलत है। इसके बाद सीनियर वकील और कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी जयराम के बयान से सहमति जताते हुए यही बात कही थी। जब मुझसे इस संबंध में राय माँगी गई थी, तो मैंने ट्वीट कर कहा कि मैं पिछले 6 साल से यह बात कह रहा हूँ कि जब पीएम मोदी कोई अच्छी बात कहें या करें, तो उसकी तारीफ होनी चाहिए।”
केरल कॉन्ग्रेस पर तीखा कटाक्ष करते हुए शशि थरूर ने लिखा है- “मेरे इस बयान पर ही मेरे खिलाफ सार्वजनिक आलोचना की जा रही हैं, सोनिया गाँधी को पत्र लिखे गए, मुझे भाजपा ज्वाइन करने की राय दी जा रही है।”
थरूर ने लिखा है कि इसी तरह से 2014 में मोदी की तारीफ कर देने की वजह से उन्हें पार्टी प्रवक्ता पद से हटा दिया गया और उन पर नरेंद्र मोदी से नजदीकियाँ बढ़ाने के आरोप लगाए गए। दरअसल, इस बारे में थरूर ने सफाई भी दी थी कि मोदी पर उनके बयानों को सही ढंग से नहीं समझा गया है। उन्होंने कहा था कि क्लीन इंडिया कैंपेन से जुड़ने का यह मतलब नहीं कि वह बीजेपी के हिंदुत्व के अजेंडे का समर्थन करते हैं। उन्होंने खुद को एक स्वाभिमानी कॉन्ग्रेसी करार दिया था। लेकिन, फिर भी आखिरकार पार्टी ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए प्रवक्ता के पद से हटा दिया था।
अपने लेख में थरूर ने यह भी लिखा है कि वो चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस और सेक्युलर दलों को जनता का विश्वास जीतना चाहिए।
बता दें कि केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी ने पीएम मोदी की प्रशंसा करने पर शशि थरूर से स्पष्टीकरण माँगा है। यही नहीं, राज्य नेतृत्व ने कॉन्ग्रेस आलाकमान से भी थरूर की शिकायत करने का फैसला किया है। केपीसीसी के अध्यक्ष मुल्लाप्पल्ली रामचंद्रन और राज्य में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला ने थरूर के बयान का खुलकर विरोध किया। इसके बाद ही शशि थरूर की यह प्रतिक्रिया आई है।