कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने नेशनल कॉन्फ़्रेंस के पूर्व अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूख़ अब्दुल्ला का एक पत्र ट्वीट किया है। पत्र का मजमून यह है कि अधिकारी टाइम पर फारूक साहब को लेटर भी नहीं दे रहे। घर में नजरबंद कर ऐसा सलूक किया जा रहा है जैसे नेता नहीं वे अपराधी हों।
थरूर ने यह पत्र ट्वीट कर लिखा है, “कैद फारूख़ साब का पत्र है। संसद सदस्यों को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें इस मामले में संसदीय विशेषाधिकार मिला हुआ है। अन्यथा गिरफ्तारी का इस्तेमाल विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए किया जा सकता है। संसद में भागीदारी लोकतंत्र और लोकप्रिय संप्रभुता के लिए आवश्यक है।”
फारूक अब्दुल्ला ने पत्र में लिखा है, “आपका (शशि थरूर) पत्र आज मुझे मजिस्ट्रेट के हाथों मिला। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे मेरा डाक भी समय से नहीं देते। एक वरिष्ठ सांसद और पार्टी नेता के साथ ऐसा सलूक करने का यह कोई तरीका नहीं है। हम क्रिमिनल नहीं हैं।”
Letter from imprisoned FarooqSaab. Members of Parliament should be allowed to attend the session as a matter of parliamentary privilege. Otherwise the tool of arrest can be used to muzzle opposition voices. Participation in Parliament is essential 4 democracy&popular sovereignty. pic.twitter.com/xEQ45klWCb
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 5, 2019
गौरतलब है कि अगस्त में आर्टिकल 370 के तहत मिले जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर मोदी सरकार ने राज्य को दो क्रेंदशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। फैसले से पहले एहतियातन राज्य में सक्रिय दलों के नेताओं और अलगावादियों को हिरासत में लिया गया था। कई नेताओं को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया था। ऐसे नेताओं में अब्दुल्ला और मुफ़्ती परिवार के राजनीतिक रूप से सक्रिय सदस्य भी हैं। इन्हें बीच में मोदी सरकार ने मौका दिया था कि घाटी में हिंसा न भड़काने, शांति-व्यवस्था में सहयोग करने की शर्त पर इनकी रिहाई सम्भव है। लेकिन न ही अब्दुल्ला और न ही मुफ़्ती घराने ने इसे स्वीकार किया था।
थरूर के इस ट्वीट के बाद लोगों का ट्विटर पर गुस्सा फूट पड़ा है और वे अब्दुल्ला की जम कर आलोचना कर रहे हैं। एक व्यक्ति ने उन्हें अपराधियों से भी गया-बीता बता दिया। आरोप लगाया कि अब्दुल्ला के शासनकाल में न केवल कश्मीर में जिहाद को बढ़ावा दिया गया, बल्कि जम्मू को लूटा भी गया।
@FarooqAbdullah_ youre not criminal but worse than criminal. You supported militancy in kashmir when not in power & looted people of jammu when in power. @narendramodi. We are not criminals,’ says Farooq Abdullah in letter to Shashi Tharoor https://t.co/lyj2CLwdry
— DR. Pankaj dubey (@dubeypankaj1986) December 6, 2019
एक अन्य यूज़र ने पूछा कि फ़ारूख़ अब्दुल्ला और सोनिया गाँधी तब क्या कर रहे थे, जब कश्मीर में हिन्दू पुरुषों और बच्चों का हत्याकाण्ड चल रहा था, महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहा था। हालाँकि इस यूज़र ने जो आँकड़े दिए हैं वे अतिशयोक्ति से भरे हैं।
@ShashiTharoor Where were u n @SoniaGandhiMP
— IndiaFirst (@NationFirstt) December 6, 2019
when
5 LACS HINDU MEN were MURDERED,
WOMEN/GIRLS RAPED,
KIDS MURDERED
by @FarooqAbdullah_ ‘s JIHADI PEACE LOVERS
‘We Are Not Criminals’: Tharoor Tweets Farooq Abdullah’s Letter https://t.co/mvMDPglIjY#JusticeForDisha #FakeEncounter
एक यूज़र ने कहा है अब्दुल्ला लिखित आश्वासन दें कि वे देश-विरोधी गतिविधियों में हिस्सेदारी नहीं करेंगे।
Farooq Saab should give in writing that no platform he will use for anti-national activity as he is deshdrohi sympathiser.
— abhay krishna mishra (@abhaymishra09) December 6, 2019