Sunday, September 1, 2024
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‘कश्मीर गाजा नहीं है, बेहतर हालात का श्रेय PM मोदी और अमित शाह को’: शेहला रशीद ने माना वो पहले पत्थरबाजों के प्रति रखती थीं सहानुभूति, कहा – अब बदल गई है स्थिति

शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर में बदलावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों को क्रेडिट दिया। उन्होंने कहा, "इन सभी चीजों के लिए, किसी के लोगों को राहत और सांत्वना देने की जरूरत थी और इसके लिए मैं मौजूदा सरकार को श्रेय देना चाहूँगी।"

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने पीएम मोदी की मुरीद हुई जा रही है। अभी एक महीना भी नहीं बीता औक उन्होंने दूसरी बार उनकी तारीफ के पुल बाँधे हैं। दरअसल, न्यूज एजेंसी ANI से मंगलवार (14 नवंबर, 2023) को उन्होंने कहा कि वो कश्मीर में मौजूदा हालात के लिए पीएम मोदी की आभारी हैं। उनसे जब ये पूछा गया कि वो पहले पत्थरबाजों से सहानुभूति रखती है तो शेहला ने जवाब दिया कि हाँ वो 2010 में उनके लिए सहानुभूति रखती थी।

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन आज, जब मैं इसे देखती हूँ, तो मैं आज के हालात के लिए बहुत अधिक आभारी हूँ। कश्मीर गाजा नहीं है। यह साफ हो गया है कि कश्मीर गाजा नहीं है, क्योंकि कश्मीर में महज गाहे-बगाहे होने वाले विरोध प्रदर्शनों सहित उग्रवाद और घुसपैठ की छिटपुट वारदातें हुई हैं।”

शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर में बदलावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नीतियों को क्रेडिट दिया। उन्होंने कहा, “इन सभी चीजों के लिए, किसी को लोगों को राहत और सांत्वना देने की जरूरत थी और इसके लिए मैं मौजूदा सरकार को श्रेय देना चाहूँगी। खासकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जी को।”

यह पहली बार नहीं था जब शेहला रशीद ने जम्मू-कश्मीर के हालात के सुधरने की तारीफ की। गौरतलब है कि जेएनयू की पूर्व लीडर रही रशीद 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर में स्वायत्त स्थिति को रद्द करने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने वाले और दो केंद्र शासित प्रदेशों को अलग-अलग करने पर मोदी सरकार के फैसले की खासी आलोचना कर चुकी हैं।

लेकिन इस साल अक्टूबर की शुरुआत में ही उन्होंने केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के घाटी में मानवाधिकार की स्थिति में सुधार की कोशिशों के लिए तारीफ करते हुए उन्हें धन्यवाद कहा था।

इसके बाद जम्मू- कश्मीर की एक्टिविस्ट रशीद एक महीने पहले ही 14 अक्टूबर, 2023 को इजरायल-हमास युद्ध को लेकर मोदी सरकार और भारतीय सेना की तारीफ़ की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा,“मध्य-पूर्व में चल रहे हालातों को देखें तो आज मुझे इसका एहसास हुआ है कि हम भारतीय कितने किस्मत वाले हैं।”

रशीद ने आगे कहा था, “भारतीय सेना व सुरक्षा बलों ने हमारी सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया है। जहाँ बनता हो, वहाँ श्रेय दिया जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर में शांति लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, भारतीय सेना और भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स का धन्यवाद।”

इस दौरान रशीद ने जेएनयू में बिताए अपने दिनों के बारे में भी बताया। उनके वहाँ रहने के दौरान पूर्व रिसर्च स्कॉलर उमर खालिद और तत्कालीन जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष, कन्हैया कुमार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के सिलसिले में देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

शेहला रशीद ने कहा, “यह महज हम तीनों के लिए जीवन बदलने वाला ही नहीं था, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय के जीवन को, पूरे विश्वविद्यालय को उस घटना के नतीजे भुगतने पड़े, क्योंकि जेएनयू से संबंधित किसी भी चीज़ के खिलाफ बहुत अधिक प्रतिक्रिया हुई थी।”

उन्होंने आगे कहा, “रातों-रात जेएनयू एक कलंक बन गया, यह लगभग एक अपशब्द की तरह था।” हालाँकि रशीद ने ये भी कहा,”जेएनयू में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’, ‘लाल सलाम’ जैसे नारे कभी नहीं लगाए गए।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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