महाराष्ट्र में बीजेपी के बिना सरकार बनाने की शिवसेना की मुहिम को तगड़ा झटका लगा है। बड़ी उम्मीदों के साथ बुधवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने एनसीपी के मुखिया शरद पवार से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पवार ने मीडिया के साथ बात करते हुए तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि एनसीपी अपने सहयोगी कॉन्ग्रेस के साथ विपक्ष में बैठेगी। राष्ट्रपति शासन से बचने का एकमात्र विकल्प यह है कि भाजपा के साथ मिलकर शिवसेना सरकार बनाएँ।
लेकिन, इस मुलाक़ात के तुरंत बाद शरद पवार ने शिवसेना को तगड़ा झटका देते हुए कहा कि चूँकि जनादेश भाजपा और शिवसेना को मिला है, सरकार इन दोनों दलों को ही बनाना है। एनसीपी सुप्रीमो ने साफ़ कर दिया कि उनकी पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है और वे कॉन्ग्रेस के साथ विपक्ष की भूमिका निभाएँगे। उन्होंने शिवसेना और भाजपा से कहा कि दोनों जल्द से जल्द सरकार बनाएँ।
Sharad Pawar,NCP Chief: Where is the question of a Shiv Sena-NCP government? They(BJP-Shiv Sena) are together for last 25 years,today or tomorrow they will come together again. https://t.co/vCXBLEh4ei pic.twitter.com/oHnc7lvFRv
— ANI (@ANI) November 6, 2019
पवार ने शिवसेना और एनसीपी द्वारा मिल कर सरकार गठन करने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि इसका सवाल ही कहाँ उठता है? उन्होंने कहा कि शिवसेना और भाजपा 25 साल गठबंधन में हैं और वे आगे भी साथ में आ सकते हैं। लिहाजा केवल एक विकल्प बचता है। भाजपा-शिवसेना मिलकर सरकार बनाएँ। इसके अलावा राष्ट्रपति शासन से बचने का कोई विकल्प नहीं है।
संजय राउत ने एनसीपी सुप्रीमो के बारे में बात करते हुए कहा कि वो राज्य के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से हैं। बकौल राउत, पवार महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थितियों को लेकर ख़ासे चिंतित हैं। शिवसेना नेता ने बताया कि मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर उनके और एनसीपी संस्थापक के बीच संक्षिप्त बातचीत हुई। राउत ने सरकार गठन को लेकर भाजपा से बातचीत के बारे में बोलते हुए कहा कि जो भी बातचीत होगी, वो 50-50 फॉर्मूले के आधार पर होगी। शिवसेना चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से लगातार 50-50 की बात कर रही और ढाई साल के लिए सीएम पद मॉंग रही है।
Shiv Sena leader Sanjay Raut after meeting NCP chief Sharad Pawar, in Mumbai: He is a senior leader of the state & the country. He is worried about the political situation in Maharashtra today. We had a brief discussion. pic.twitter.com/PtXzll0rRC
— ANI (@ANI) November 6, 2019
उधर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल ने मुलाक़ात की। गडकरी का नाम कल से ही चर्चा में है, क्योंकि शिवसेना ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिख कर उनसे मध्यस्थता कराने की माँग की थी। शिवसेना नेता किशोर ने दावा किया कि गडकरी 2 घंटे में भाजपा-शिवसेना के बीच विवाद को सुलझा सकते हैं। हालाँकि, गाँधी परिवार के क़रीबी अहमद पटेल ने कहा कि गडकरी से मुलाक़ात के दौरान महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। पटेल ने कहा कि ये पॉलिटिकल मीटिंग नहीं थी। उन्होंने कहा कि वो किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलने गए थे।
Delhi: Senior Congress leader Ahmed Patel leaves after meeting Union Minister Nitin Gadkari; says, “I met him over farmer issues. It was not a political meeting or on Maharashtra politics.” pic.twitter.com/zJ6IRj2sj5
— ANI (@ANI) November 6, 2019
शिवसेना नेता संजय राउत अपनी पार्टी के रुख पर लगातार अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा है कि जब पूरा समझौता ही सिर्फ़ एक लाइन का था तो अब कोई नया प्रस्ताव आ ही नहीं सकता। उन्होंने कहा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच कि सीएम पद को लेकर 50-50 की सहमति बन गई थी। साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगने की अटकलों का जवाब देते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो ये राज्य के जनादेश का अपमान होगा। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा की 105 और शिवसेना की 56 सीटें हैं।