महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की गठबंधन सरकार बनने के बाद शिवसेना सांसद नेता संजय राउत ने गोवा में जल्द एंटी बीजेपी सरकार बनाने का दावा किया था। कॉन्ग्रेस ने उनके इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार के गिरने की कोई संभावना नहीं है।
राउत ने कहा था कि शिवसेना कि नजर अब गोवा की राजनीति पर है। गोवा के पूर्व डिप्टी सीएम विजय सरदेसाई शिवसेना के साथ गठबंधन कर रहे हैं। राउत ने कहा था, “गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष और गोवा के पूर्व उप-मुख्यमंत्री विजय सरदेसाई तीन विधायकों सहित शिवसेना के साथ गठबंधन कर रहे हैं। गोवा में एक नया राजनीतिक फ्रंट आकार ले रहा है जैसा कि महाराष्ट्र में हुआ। जल्द ही गोवा में भी आपको चमत्कार दिखाई देगा।” साथ ही राउत ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने गोवा में सरकार बनाने के लिए हर तरह की जोड़-तोड़ की।
Sanjay Raut, Shiv Sena: Goa Forward Party president & ex-Dy CM of Goa, Vijai Sardesai along with 3 MLAs, is forming alliance with Shiv Sena. A new political front is taking shape in Goa, just like it happened in Maharashtra. Jaldi hi Goa mein bhi aapko ek chamatkar dikhai dega. pic.twitter.com/IBQKsmKmbU
— ANI (@ANI) November 29, 2019
उन्होंने कहा कि सावंत ने कॉन्ग्रेस के सबसे भ्रष्ट नेताओं को साथ मिलाकर सरकार बनाई, जो कि गोवा की जनता को पसंद नहीं है। राउत ने यह भी दवा किया कि महाराष्ट्र के बाद गोवा और उसके बाद शिवसेना अन्य राज्यों का भी रुख करेगी ताकि देश में बीजेपी विरोधी फ्रंट बने।
लेकिन राउत के इन दावों को कॉन्ग्रेस ने सिरे से नकार दिया है। गोवा कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष गिरीश चोडांकर ने कहा उनकी पार्टी सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की बजाए विपक्ष में बैठना पसंद करेगी। उन्होंने कहा, “गोवा में भाजपा सरकार गिरने पर मुझे ख़ुशी होगी। लेकिन ऐसी कोई संभावना नहीं है। भाजपा के पास 30 विधायकों का समर्थन है। मैं सरकार गिराने की बजाए विपक्ष में बैठना ज्यादा पसंद करूँगा।”
वहीं, शिवसेना सांसद के बयान पर गोवा बीजेपी चीफ विनय तेंदुलकर ने तंज कसते हुए कहा है कि राउत, ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ की तरह दिन में ख्वाब देख रहे हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र की जनता से किए गए वादे पूरे करे, जहाँ उसने कॉन्ग्रेस और एनसीपी की मदद से सरकार बनाई है।