मध्य प्रदेश की तमाम सियासी उथल पुथल के बाद आज प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह कोरोना संक्रमण के चलते रात 9 बजे राजभवन में आयोजित एक सादे समाराेह में सम्पन्न हुआ। शिवराज सिंह ने अकेले ही शपथ ली और उनके साथ आज कोई मंत्री शामिल नहीं हुआ। शिवराज के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बीजेपी के विधायक तीन बसों में सवार होकर राजभवन पहुँचे थे।
Bhopal: BJP’s Shivraj Singh Chouhan takes oath as the Chief Minister of #MadhyaPradesh, at Raj Bhavan. pic.twitter.com/nJuy5TCQR2
— ANI (@ANI) March 23, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इससे पहले आज सोमवार शाम को उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया था। उनके नाम का प्रस्ताव भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने रखा।
बताया जा रहा है कि शिवराज सिंह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही, रात में मंत्रालय जाकर काम काज संभाल लेंगे। इससे पहले विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद शिवराज सिंह ने कहा था कि पार्टी मेरी माँ है और उसके दूध की लाज रखने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके फिर सीएम बनने पर मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा।
शिवराज सिंह के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं। इस बार शिवराज के साथ-साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम की भी चर्चा थी। लेकिन अब, माना जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने शिवराज के नाम ही मुहर लगा दी है। उल्लेखनीय है कि 20 मार्च को कमलनाथ द्वारा सीएम पद से इस्तीफे दिए जाने के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। पार्टी का एक खेमा भी मौजूदा विधानसभा में संख्या गणित को देखते हुए अभी फिलहाल शिवराज सिंह चौहान को ही कमान देने का दबाव बना रहा था। लेकिन, कयासो में कई बार अन्य दावेदारों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी सामने आया।