प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा देने समेत कई आरोप लगाने वाले अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस (George Soros) को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक ढाँचे पर हमला करने वाले विदेशी ताकतों को मुँहतोड़ जवाब देने की अपील लोगों कीं।
स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिया गया बयान भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली में घुसपैठ की कोशिश है। उन्होंने कहा कि सोरोस प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भारतीय नेताओं को टारगेट करने के लिए अरबों रुपए खर्च कर रहे हैं।
स्मृति ईरानी ने कहा कि जॉर्ज सोरोस वही व्यक्ति हैं, जिसने बैंक ऑफ इंग्लैंड को तोड़ दिया। उन्हें आर्थिक युद्ध अपराधी करार दिया गया था। वही जॉर्ज अब भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला करने का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि वो प्रधानमंत्री मोदी को भी निशाना बनाएँगे। जॉर्ज सोरोस ने हिंदुस्तान में ऐसी व्यवस्था बनाने का ऐलान किया है, जो हिंदुस्तान की नहीं, बल्कि विदेशी हितों की रक्षा के लिए काम करेगा।
स्मृति ईरानी ने कहा कि जॉर्ज का यह ऐलान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झुका देंगे और हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को गिरा देंगे, यह भारत पर हमला है। उन्होंने कहा कि इसका मुँहतोड़ जवाब हर हिंदुस्तानी को एक होकर देना चाहिए। स्मृति ईरानी ने कहा कि भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोरोना काल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब विश्व भारत की चिंता कर रहा था, तब भारत तेजी के साथ वैक्सिनेशन मुहिम चला रहा था। उन्होंने कहा कि अपने लोगों के साथ भारत ने 160 देशों को वैक्सीन भेजी। सरकार ने हर गरीब तक मुफ्त अनाज पहुँचाया।
स्मृति ईरानी ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गलत इरादों के सामने सिर नहीं झुकाने वाले हैं। जब-जब हिंदुस्तान को चुनौती दी गई, भारत ने उसका डटकर मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि भारत पहले भी विदेशी ताकतों को हराया है और आगे भी विदेशी ताकतों को हराएगा।
जॉर्ज सोरोस ने क्या कहा था?
बता दें कि गुरुवार (16 फरवरी, 2023) को जर्मनी में टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख (TUM) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रोनी कैपटलिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री के बीच मधुर संबंध हैं। सोरोस ने अडानी समूह के कथित हेरफेर में प्रधानमंत्री के भी शामिल होने का आरोप लगाया था।
सोरोस ने कहा था कि मोदी अडानी के मामले पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों का जवाब देना होगा, जिससे सरकार में उनकी पकड़ कमजोर होगी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने और CAA-NRC प्रदर्शन के समय भी जॉर्ज सोरोस ने भारत के खिलाफ बयान दिए थे।