बस कुछ घंटे बाद… यानी सोमवार (24 अगस्त 2020) को कॉन्ग्रेस कार्यसमिति की बैठक है। लेकिन इसी कॉन्ग्रेस के एक धड़े ने गाँधी परिवार (माँ-बेटे) पर मुहर लगा दी है।
अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमिटी (एआईसीसी) की अनुसूचित जाति (SC) संभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि सोनिया गाँधी को ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष रहना चाहिए। क्यों रहना चाहिए? इसका भी तर्क AICC (SC) ने दे दिया है।
AICC (SC) ने रविवार (23 अगस्त को, कॉन्ग्रेस कार्यसमिति की बैठक से ठीक एक दिन पहले) को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक मीटिंग की। मीटिंग में कहा गया कि सोनिया गाँधी ने सबसे महत्वपूर्ण समय में पार्टी का नेतृत्व किया था, पार्टी को सत्ता में लाया था और एक दशक तक नेतृत्व किया था।
सोनिया गाँधी के विकल्प के तौर पर अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमिटी (एआईसीसी) की अनुसूचित जाति (SC) संभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर सिर्फ और सिर्फ राहुल गाँधी को ही देखते हैं। क्यों? सिर्फ राहुल गाँधी ही क्यों?
All India Congress Committee's SC Department "unanimously resolved that Sonia Gandhi should continue as Congress President." The Resolution passed by them also stated, "As an alternative, we see only Rahul Gandhi to accept the responsibility as the Congress President once again." pic.twitter.com/TstJ9gIbSc
— ANI (@ANI) August 23, 2020
AICC (SC) ने राहुल गाँधी को अध्यक्ष के तौर पर देखने के पीछे तर्क दिया कि वो यंग विजनरी लीडर हैं। राहुल गाँधी देश की जनता के लिए ईमानदारी के साथ खड़े हुए और BJP सरकार के खिलाफ (जो आम आदमी के अधिकारों को कुचल रही है) अकेले लड़े।
कॉन्ग्रेस कार्यसमिति की बैठक से ठीक एक दिन पहले अनुसूचित जातियों की लॉबी ने गाँधी परिवार के लिए पासा क्यों फेंका? क्या इसका उन 23 बड़े नेताओं के द्वारा सोनिया गाँधी को लिखे पत्र से कोई कनेक्शन है? क्या प्रियंका गाँधी वाला ‘गैर गाँधी अध्यक्ष’ इंटरव्यू या राहुल गाँधी का अध्यक्ष न बनने की जिद सिर्फ एक जुमला भर था? जनता देख रही है, चंद घंटों में सब क्लियर हो जाएगा।